कच्चे तेल की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना हैं और कीमतों को 3,020 रुपये के स्तर पर अड़चन के साथ 2,870 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
दुनिया का सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता देश में कोरोना वायरस प्रकोप के बढ़ने आर्थिक सुधार की गति धीमी रहने और यूरोप में भी कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी के कारण वहाँ नये यात्रा प्रतिबंध लगने से माँग में कमी आने की आशंका से तेल की कीमतों में गिरावट हुई है। ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतें छह महीने में पहली बार मासिक गिरावट की ओर अग्रसर है जबकि डब्ल्यूटीआई कच्चे तेल की कीमतें अप्रैल के बाद से अपने पहले मासिक गिरावट की ओर अग्रसर है। प्रमुख अमेरिकी राज्यों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जो अंतिम तिमाही में चल रहे तेल माँग की रिकवरी को बाधित कर सकते है। पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन और उनके सहयोगियों द्वारा उत्पादन को सीमित करने के प्रयासों के बावजूद ओपेक सदस्य ईरान और लीबिया से अधिक कच्चे तेल का निर्यात किया जा रहा है। फिर भी, ओपेक के महासचिव मोहम्मद बरकिंडो ने रविवार को कहा कि ओईसीडी देशों में वाणिज्यिक तेल का भंडार 2021 की पहली तिमाही में पाँच साल के औसत से थोड़ा ही कम होने की उम्मीद है।
नेचुरल गैस की कीमतों में तेजी दर्ज की जा सकती है और कीमतों में 204 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 217 रुपये के स्तर पर अड़चन रह सकता है। (शेयर मंथन, 28 सितंबर 2020)