हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में 7 वर्षो के उच्च स्तर से पिछले सप्ताह थोड़ी गिरावट दर्ज की गयी।
उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली के कारण हल्दी वायदा (सितंबर) कीमतों में कल गिरावट हुई है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में पिछले हफ्ते गिरावट दर्ज की गयी क्योंकि निर्यात के आँकड़े उत्साहजनक नहीं हैं जबकि हाजिर बाजार में नये सीजन की आवक बढ़ रही है।
बेहतर उत्पादन अनुमान और स्थिर माँग के कारण हल्दी वायदा (अक्टूबर) की कीमतें पिछले सप्ताह गिरावट के साथ बंद हुई।
दो वर्षो के उच्च स्तर पर पहुँचने के बाद हुई मुनाफा वसूली के कारण हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतें कल लगातार दूसरे दिन गिरावट के साथ बंद हुई और कीमतों के 10,890 रुपये पर रुकावट के साथ 10,350 रुपये तक गिरावट दर्ज करने की संभावना है।
हल्दी वायदा (दिसम्बर) की कीमतों में 7,500-7,700 रुपये तक तेजी रहने की उम्मीद है।
हल्दी वायदा (मई) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 6,445-6,600 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
हल्दी वायदा (अक्टूबर) की कीमतें कल 0.5 की गिरावट के साथ बंद हुई है। अब कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 7,000-7,430 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार करने की संभावना है।
कारोबार के अंतिम घंटों में खरीदारी के कारण हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतें कल बढ़त के साथ बंद हुई।
हाजिर बाजारों में खरीद और कम आवक के कारण हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतें शुक्रवार को 3% की उछाल दर्ज की गयी और अब कीमतों के 9,070 रुपये पर सहारा के साथ 9,350 रुपये तक बढ़त दर्ज करने की संभावना है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में पिछले चार हफ्तों से लगातार तेजी देखी जा रही है, जो कम आवक के मुकाबले लगातार माँग के कारण मदद मिल रही है।
हाजिर बाजारों के रुझान पर हल्दी वायदा (दिसंबर) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 5,750-5,800 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों को 7,800 रुपये के नजदीक रेजिस्टेंस का सामना करना पड़ सकता हैं।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों को 6,850-6,900 रुपये के स्तर पर अड़चन रह सकती है।
पिछले कई हफ्तों से हल्दी की कीमतों में गिरावट हो रही थी, लेकिन पिछले हफ्ते कीमतों में अच्छी-खासी रिकवरी दर्ज की गयी।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों के लिए 8,100 रुपये के स्तर पर बाधा हैं।
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यह एक संयोग है कि पिछले वर्ष की दीपावली के समय भी भारतीय शेयर बाजार कुछ ठंडा पड़ा था और इस साल भी बाजार में दीपावली के समय लाली ही ज्यादा बिखरी है। लेकिन पिछली दीपावली के समय जो थोड़ी निराशा बाजार में दिख रही थी, उस समय जिन निवेशकों ने सूझ-बूझ से नया निवेश किया, उन्हें अगले 1 साल में बड़ा सुंदर लाभ हुआ।
शेयर बाजार ने हाल में नये रिकॉर्ड स्तरों की ऊँचाइयाँ हासिल की हैं। लार्जकैप, मिडकैप, स्मॉलकैप सभी तरह के शेयर खूब चले हैं, दौड़े हैं, कुछ तो उड़े भी हैं!