बेहतर उत्पादन अनुमान और स्थिर माँग के कारण हल्दी वायदा (अक्टूबर) की कीमतें पिछले सप्ताह गिरावट के साथ बंद हुई।
अब कीमतों में 7,200 रुपये पर तत्काल बाधा के साथ 7,000 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। वर्तमान में, हल्दी की फसल अच्छी स्थिति में है और अधिक उत्पादन का अनुमान से कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। इसके अलावा, जैसे-जैसे सीजन खत्म होने की ओर बढ़ रहा है, किसानों ने अपने पुराने स्टॉक को बाजारों में उतारना शुरू कर दिया है। निर्यात कम हो रहा है और उपलब्धता अधिक है। 2021 के पहले 7 महीनों में, हल्दी का निर्यात पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 16% कम होकर 90,133 टन हो गया, लेकिन 5 साल के औसत की तुलना में लगभग 10% अधिक है।
जीरा वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में शुक्रवार को 1% की बढ़ोतरी हुई है। वर्तमान में मसाला मिल मालिकों ने उच्च कीमतों पर अपनी खरीद को कम कर दिया है और साथ ही साथ हमें कम कीमतों पर कम आवक दिखाई दे रही है। हम उम्मीद करते हैं कि कीमतों के 14,300 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 14,600 रुपये तक बढ़त दर्ज करने की संभावना है। व्यापारियों और किसानों के पास पर्याप्त स्टॉक के कारण उच्च स्तर पर कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। सितंबर से नवंबर के दौरान पश्चिमी क्षेत्र में सामान्य बारिश के पूर्वानुमान से गुजरात और राजस्थान में जीरा की बुवाई में बढ़ोतरी हो सकती है। 2021 (जनवरी-जुलाई) में, देश ने पिछले साल की समान अवधि के 1.67 लाख टन की तुलना में 1.75 लाख टन से अधिक जीरा निर्यात किया है।
धनिया वायदा (अक्टूबर) की कीमतें लगातार दूसरे सप्ताह गिरावट के साथ बंद हुई। हमें उम्मीद है कि कीमतें 7,838 रुपये के स्तर पर रुकावट और 7,760 रुपये के सहारा के साथ कारोबार कर सकती है। वर्तमान में माँग सामान्य बनी हुई है और गुजरात और राजस्थान में अच्छी बारिश से आने वाले मौसम में रबी की फसल को मदद मिलेगी। राजस्थान की जयपुर, बारान और रामगंज मंडियों में धनिया की हाजिर कीमतों में नरमी रही। अप्रैल-जुलाई अवधि के दौरान धनिया का निर्यात 10% कम होकर पिछले वर्ष के 19,820 रुपये टन के मुकाबले 17,830 रुपये टन हुआ है लेकिन समान अवधि में 5 साल के औसत की तुलना में 17.7% अधिक है। (शेयर मंथन, 27 सितम्बर 2021)
Add comment