हल्दी वायदा (अक्टूबर) की कीमतों को पिछले दो महीनों से लगभग 5,700 रुपये के स्तर पर सहारा रहा है और इस जारी महामारी में मजबूत निर्यात के कारण कीमतें स्थिर है क्योंकि इसका औषधीय गुण शारीरिक प्रतिरक्षा को बढ़ाता है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतें तेजी के साथ 7,400-7,600 के दायरे में कारोबार कर सकती हैं।
हल्दी वायदा (नवम्बर) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 5,980-6,050 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार करने की उम्मीद है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों के 7,450-7,800 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। हल्दी की खेती के क्षेत्र में वृद्धि की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, और मजबूत घरेलू और निर्यात माँग के कारण कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में तेजी जारी रहने की संभावना है और कीमतें 8,500-8,600 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में 6,565 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ बढ़त दर्ज की जा सकती है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 6,300-6,350 रुपये के स्तर पर पहुँचने की उम्मीद है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में तेजी देखी जा रही है और इस कमोडिटी में निचले स्तर पर खरीदारी का सुझाव है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में तेजी जारी रहने की संभावना है और आगामी दिनों में कीमतें 6,700-6,900 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में तेजी का रुझान है और कीमतों में 7,700-7,750 रुपये तक बढ़ोतरी हो सकती है।
हल्दी वायदा (सितम्बर) की कीमतों के 5,750-5,850 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
हल्दी वायदा (सितम्बर) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 6,150-6,250 रुपये के स्तर पर पहुँचने की उम्मीद है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 5,8,20-5,920 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 5,880-6,010 रुपये के दायरे में कारोबार करने की उम्मीद है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 5,960-6,080 रुपये के दायरे में कारोबार करने की उम्मीद है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में पिछले चार हफ्तों से लगातार तेजी देखी जा रही है, जो कम आवक के मुकाबले लगातार माँग के कारण मदद मिल रही है।
हल्दी वायदा (अगस्त) की कीमतें 7,050 रुपये के बाधा स्तर को पार कर गयी हैं और कीमतें 7,200-7,300 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती हैं।
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यह एक संयोग है कि पिछले वर्ष की दीपावली के समय भी भारतीय शेयर बाजार कुछ ठंडा पड़ा था और इस साल भी बाजार में दीपावली के समय लाली ही ज्यादा बिखरी है। लेकिन पिछली दीपावली के समय जो थोड़ी निराशा बाजार में दिख रही थी, उस समय जिन निवेशकों ने सूझ-बूझ से नया निवेश किया, उन्हें अगले 1 साल में बड़ा सुंदर लाभ हुआ।
शेयर बाजार ने हाल में नये रिकॉर्ड स्तरों की ऊँचाइयाँ हासिल की हैं। लार्जकैप, मिडकैप, स्मॉलकैप सभी तरह के शेयर खूब चले हैं, दौड़े हैं, कुछ तो उड़े भी हैं!