हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 5,960-6,080 रुपये के दायरे में कारोबार करने की उम्मीद है।
भारत की प्रमुख मंडियों में पिछले सप्ताह से हल्दी की कीमतें स्थिर रही हैं। फरवरी में नयी फसल के बाजार में आने के बाद माँग में तेजी आने की उम्मीद है। बेंचमार्क बाजार इरोड में, बल्ब वेराइटी के हल्दी की कीमतें 5,500-5,700 रुपये प्रति 100 किलोग्राम और फिंगर वेराइटी की कीमतें 6,000-6,200 रुपये प्रति 100 किलोग्राम में बेची जा रही है। आवक 2,700 बैग (1 बैग=465 किलोग्राम) आंकी जा रही है।
जीरा वायदा (मार्च) की कीमतें 13,000-13,200 रुपये के दायरे में मजबूत हो सकती है। थोक खरीदारों की ओर से माँग में कमी और आवक में मामूली वृद्धि के कारण कीमतों की बढ़त पर रोक लगी रह सकती है। गुजरात के बेंचमार्क बाजार ऊंझा में 5,000 बैग (1 बैग=455 किलोगाम) की आवक हो रही है। घरेलू और विदेशी खरीदारों की ओर से माँग कम हो गयी है क्योंकि वे नयी फसल के आवक की प्रतीक्षा कर रहे हैं। हाजिर बाजारों में जीरा की नयी फसल फरवरी में आने की उम्मीद है। लेकिन एक कारक जो काउंटर को तेज गिरावट से रोक सकता है, वह यह है कि 2020-21 के दौरान गुजरात में जीरा का उत्पादन क्षेत्र एक साल पहले के 4.71 लाख हेक्टेयर से लगभग 1% कम होकर 4.66 लाख हेक्टेयर तक रह गया है।
धनिया वायदा (अप्रैल) की कीमतें नरमी के रुझान के साथ संभवतः 6,000-6,150 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। मंडियों में ठंडी धनिया की आवक में बढ़ोतरी देखी जा रही है, यहाँ तक कि स्थानीय मिलों की ओर से माँग भी मुश्किल से ही देखी जा रही है। हाल की बारिश फसलों के लिए फायदेमंद रही है। वर्तमान परिदृश्य में, राजस्थान के उत्पादक क्षेत्रों में आसमान साफ हो गया है और कोटा और बारां मंडी के साथ-साथ रामगंज मंडी में भी आवक में सुधार हुआ है। (शेयर मंथन, 11 जनवरी 2021)
Add comment