आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल ने भारत कंजम्पशन फंड - सीरीज 1 का न्यू फंड ऑफर (NFO) पेश किया है, जो नियत अवधि वाला (क्लोज एंडेड) इक्विटी फंड है।
इसकी अवधि आवंटन तिथि से 1300 दिनों की है, यानी इसकी यूनिटों का विमोचन (रिडेंप्शन) आवंटन तिथि के 1300 दिनों के बाद ही कराया जा सकेगा। यह एनएफओ 22 मार्च 2018 को खुल चुका है और 5 अप्रैल 2018 को बंद होगा। इसमें निवेश की न्यूनतम सीमा 5,000 रुपये है और हर यूनिट का अंकित मूल्य 10 रुपये है।
इस योजना का रिस्कोमीटर बताता है कि यह उच्च जोखिम वाला निवेश है और ऐसे निवेशकों के लिए उपयुक्त हो सकता है जो लंबी अवधि में संपदा निर्माण करना चाहते हैं। इस योजना का उद्देश्य खपत में वृद्धि और संबंधित गतिविधियों से लाभान्वित होने वाले शेयरों के एक अच्छी तरह विविधीकृत पोर्टफोलिओ में निवेश करके पूँजीगत वृद्धि हासिल करना है। निफ्टी इंडिया कंजम्पशन इंडेक्स को इसका मानक सूचकांक रखा गया है।
इस योजना के फंड मैनेजर शंकरन नरेन और अतुल पटेल हैं। विदेशी प्रतिभूतियों में आने वाले निवेश का प्रबंधन प्रियंका खंडेलवाल के हाथों में होगा। शंकरन नरेन आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी के कार्यकारी निदेशक हैं और म्यूचुअल फंड उद्योग के जाने-माने फंड मैनेजरों में गिने जाते हैं।
कुछ जानकारों का कहना है कि खपत संबंधी क्षेत्रों का भविष्य अच्छा होने के बावजूद इन क्षेत्रों में शेयरों के चुनाव के लिए विकल्प सीमित रहेंगे, जिसके चलते यह विविधीकरण का पूरा लाभ हासिल नहीं कर सकेगा। यह बात सच है कि क्षेत्र आधारित फंडों को अधिक जोखिम वाला माना जाता है। मगर कंजम्प्शन या खपत केवल एक क्षेत्र नहीं, बल्कि बहुत सारे ऐसे क्षेत्रों का समूह है, जिन्हें देश में खपत बढ़ने का फायदा मिलता है। किसी खास क्षेत्र पर आधारित म्यूचुअल फंड योजनाओं की तुलना में इस फंड का दायरा काफी ज्यादा व्यापक होगा, क्योंकि इसमें एक साथ कंज्यूमर ड्यूरेबल, कंज्यूमर नॉन ड्यूरेबल या एफएमसीजी, ऑटो, दवा और स्वास्थ्य, पेंट, टेलीकॉम, होटल-रिजॉर्ट आदि, मीडिया एवं मनोरंजन, टेक्सटाइल, बिजली जैसे तमाम क्षेत्रों को खपत संबंधी क्षेत्रों की टोकरी में समेटा गया है।
पर यह जरूर कहा जा सकता है कि भारत कंजम्पशन फंड - सीरीज 1 में ऐसे निवेशकों को ही पैसा लगाना चाहिए, जो ऊँचा जोखिम लेने को तैयार हों और उनकी निवेश अवधि 3.5 वर्ष से अधिक की हो। हालाँकि इस फंड को सूचीबद्ध भी कराया जायेगा, लिहाजा जो निवेशक योजना अवधि के बीच में ही अपना पैसा निकालना चाहते हों, वे एक्सचेंज पर इसकी बिक्री कर सकेंगे। (शेयर मंथन, 29 मार्च 2018)
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