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बीएसई आईपीओ (BSE IPO) की प्रीमियम पर लिस्टिंग होने की उम्मीद

बीएसई के 1,243 करोड़ रुपये के आईपीओ को 51 गुना आवेदन (ओवरसब्सक्रिप्शन) के रूप में निवेशकों का जबरदस्त समर्थन मिलने के बाद इसकी सूचीबद्धता (लिस्टिंग) भी प्रीमियम पर होने की उम्मीद बन गयी है।

बाजार विश्लेषक कवी कुमार मानते हैं कि बीएसई की लिस्टिंग प्रीमियम पर ही होने की उम्मीद है। वे कहते हैं कि भारत में स्टॉक एक्सचेंजों के 132 वर्षों के इतिहास में पहली बार एक स्टॉक एक्सचेंज सूचीबद्ध हो रहा है, जिसके चलते एक उत्सुकता और उत्साह है। किसी नयी अनजान चीज को लेकर एक उत्साह होता है, जिसके पीछे कोई तर्क नहीं होता है। अपनी तरह का पहला शेयर होने के कारण लोगों के सामने इसके मूल्यांकन का कोई मानक नहीं है।
यह भारत में किसी घरेलू स्टॉक एक्सचेंज का पहला आईपीओ होने के साथ-साथ किसी मुख्य एक्सचेंज पर इस साल का पहला आईपीओ भी है। संस्थागत निवेशकों की ओर से इस आईपीओ में सबसे ज्यादा उत्साह दिखाया गया है। इस बारे में कवी कहते हैं कि उन निवेशकों के सामने इस आईपीओ में निवेश नहीं करने का कोई कारण नहीं था। एक फंड मैनेजर की सोच यही होगी कि बीएसई का 132 साल पुराना इतिहास है, धंधा अच्छा चल ही रहा है, इसलिए इसमें नुकसान नहीं होगा। वे कहते हैं कि बीएसई के कारोबार में एक अच्छी स्थिरता है और साथ ही इसकी आमदनी पूर्वानुमान लगाने लायक है। यह ऐसा क्षेत्र नहीं है, जहाँ जल्दी से कोई नयी प्रतिस्पर्धा खड़ी हो जाये। एक समय एनएसई की प्रतिस्पर्धा के चलते इसके सामने अस्तित्व का संकट भी लगने लगा था, पर उसके बाद इसने खुद को वापस उभारा है।
मगर साथ ही कवी यह सवाल भी खड़ा करते हैं कि बीएसटी की प्रीमियम पर लिस्टिंग हो जाने के बाद भविष्य की वृद्धि का उत्साह कहाँ से आयेगा? वे कहते हैं कि एक्सचेंज के नजरिये से ऐसे नये उत्पाद उभरते हुए नहीं दिख रहे हैं, जो इसकी आमदनी में महत्वपूर्ण वृद्धि कर सकें।
बीएसई इस आईपीओ के तहत 1.08 करोड़ शेयर जारी कर रहा है, जिन्हें एनएसई में सूचीबद्ध किया जायेगा। इस पब्लिक ऑफर में 1.54 करोड़ शेयर रखे गये हैं, जबकि अन्य हिस्से में 46.28 लाख शेयर हैं। एनएसई के आँकड़ों के मुताबिक इसे कुल 55.31 करोड़ शेयरों के लिए आवेदन मिले, जिनका मूल्य 44,000 करोड़ रुपये से अधिक है। योग्य संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) के कोटे में 48.64 गुना, गैर-संस्थागत निवेशकों से 159 गुना और खुदरा निवेशकों से 6.48 गुना आवेदन मिले हैं।
बीएसई के इस आईपीओ में बोली का दायरा 805-806 रुपये का था। इस आईपीओ में 11.31 लाख से अधिक आवेदन पत्र प्राप्त हुए। प्रारंभिक शेयर बिक्री के दौरान बीएसई 1.54 करोड़ शेयरों को प्राइस बैंड के उच्च स्तर पर करीब 1,243.44 करोड़ रुपये में बेचेगी। इन शेयरों को जारी करने के बाद बीएसई द्वारा जारी किये जाने वाले 2 रुपये प्रति भाव के शेयरों की संख्या 1,54,27,197 हो जायेगी। इस आईपीओ में जारी शेयर इसकी कुल शेयर पूँजी के 28.26% के बराबर हैं। सेबी ने 30 दिसंबर को इस आईपीओ के लिए हरी झंडी दिखायी थी।
बीएसई में तमाम अन्य कंपनियों के शेयर सूचीबद्ध होते हैं, मगर वह खुद अपने शेयर अपने यहाँ सूचीबद्ध नहीं कर सकता, क्योंकि एक्सचेंज की भूमिका नियमन की भी होती है। लिहाजा बीएसई के शेयर केवल एनएसई पर सूचीबद्ध होंगे। (शेयर मंथन, 28 जनवरी 2017)

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