वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद के सामने वित्त वर्ष 2019-20 के आर्थिक सर्वेक्षण को पेश कर दिया, जिसमें मौजूदा वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान 5% आर्थिक विकास दर (जीडीपी वृद्धि दर) के अनुमान को रखा गया है।
हालाँकि अगले वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान विकास दर सुधर कर 6% से 6.5% के बीच रहने का अनुमान जताया गया है। इस आर्थिक सर्वेक्षण की मुख्य बात यह है कि इसमें चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे (fiscal deficit) में कुछ ढील दिये जाने की जरूरत पर जोर दिया गया है। गौरतलब है कि तमाम उद्योग संगठनों, बाजार विश्लेषकों और अर्थशास्त्रियों ने भी यही बात कही है कि सरकार फिलहाल विकास दर को मजबूती देने के लिए अपने खर्चों में वृद्धि करे और तात्कालिक रूप से राजकोषीय घाटा यानी सरकारी खजाने को होने वाला घाटा निर्धारित लक्ष्य से कुछ अधिक होने दे।
इस सर्वेक्षण में यह कहा गया है कि 2019-20 की दूसरी छमाही में विकास दर में सुधार शुरू होने की आशा है। साल 2019-20 के दौरान औद्योगिक विकास दर 2.5% पर सीमित रहने का अनुमान रखा गया है। इसमें बताया गया है कि अप्रैल-नवंबर 2019 की अवधि में जीएसटी-संग्रह 4.1% की दर से बढ़ सका है। कृषि में साल 2019-20 की पहली छमाही में कुछ सुधार दिखा है। साल 2019-20 की पहली छमाही के दौरान निर्यात (Export) की तुलना में आयात (Import) कहीं ज्यादा तेजी से घटा है। वहीं महँगाई दर अप्रैल 2019 के 3.2% के स्तर से घट कर दिसंबर 2019 में 2.6% पर आ गयी। (शेयर मंथन, 31 जनवरी 2020)
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