
ब्रोकिंग फर्म एसएमसी ग्लोबल का अनुमान है कि विप्रो के शेयर की कीमत आने वाले 8-10 महीनों के अवधि में 660 रुपये तक जा सकती है। यह कंपनी के शेयर के मौजूदा भाव से 19% ज्यादा है।
तिमाही के दौरान विप्रो ने सील्लेट और विटीओस जैसी दो उच्च क्षमता वाली कंपनियों के अधिग्रहण के माध्यम से प्रतिस्पर्धात्मक विशिष्टीकरण बनाया है। इसके अलावा चेन्नई बाढ़ से राजस्व पर प्रभाव को कंपनी के मजबूत व्यापार निरंतरता योजना के मजबूत निष्पादन ने कम कर दिया है। दिसंबर में समाप्त तिमाही में सकल कर्मचारियों की संख्या 2,268 के साथ कर्माचरियों की कुल संख्या 1,70,664 है।
तिमाही के दौरान बीपीओ व्यापार का आर्कषक मुल्य तिमाही आधार पर 10.2% से घट कर 9.9% हो गया है। ट्रेनी को छोड़ कर कंपनी का प्रयोग दर पिछले तिमाही के 82.3% के मुकाबले घट कर 78% हो गया है। दिसंबर 2015 में समाप्त तिमाही में कंपनी ने 39 नये ग्राहक बनाए है। वहीं कुल सक्रिय ग्राहकों की संख्या 1105 हैं। कंपनी ने बेहतर व्यक्त समाधान और बेहतर वितरण के माध्यम से बेहतर ग्राहक संतुष्टि हासिल किया है। तिमाही के दौरान यूरोप में कंपनी के व्यापार में थोड़ा सुधार हुआ है, कंपनी ने तिमाही आधार पर 0.4% और सालाना आधार पर राजस्व में 0.8% की गिरावट दर्ज की है। वहीं भारत और मध्य पूर्व में स्थिर मुद्रा में सालाना आधार पर 20.9% अच्छी बढ़त आयी हैं। हालांकि अमेरिका में बिक्री में मंदी रही। कंपनी के प्रबंधन ने बुनियादी सुविधाओं के प्रस्ताव से अच्छी वृद्धि की उम्मीद है। कंपनी ने आईटी सर्विस व्यापार से मार्च 2016 में लगभग 12,399 से 12,644 करोड़ रुपये का राजस्व आने की उम्मीद है। कंपनी बाजार में अवसर का लाभ उठाने के लिए अच्छी स्थिति में है जबकि कुछ क्षेत्रों में यह विपरित परिस्थितियों से जुझ रहा है। (शेयर मंथन, 25 मार्च 2016)
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