2018 की जनवरी-मार्च तिमाही में जिंदल स्टील (Jindal Steel) 424.69 करोड़ रुपये के घाटे में रही।
इसके मुकाबले कंपनी को 2017 की समान अवधि में 100.01 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। कंपनी के घाटे में इतनी वृद्धि व्यय और वित्त लागत में बढ़ोतरी के कारण हुई। हालाँकि बिक्री के 27% बढ़ कर 16.6 करोड़ टन हो जाने से इसकी तिमाही शुद्ध आमदनी 6,756 करोड़ रुपये से 27.3% की बढ़त के साथ 8,599 करोड़ रुपये रही।
गौरतलब है कि जनवरी-मार्च में कोयले की कम उपलब्धता के कारण जिंदल स्टील का उत्पादन प्रभावित हुआ, जिसके कारण यह 231 करोड़ इकाइयाँ ही उत्पादित कर सकी। वहीं इसकी संयंत्र भार क्षमता 31% रही। इसके अलावा कच्चे माल की लागत में तीखी वृद्धि के कारण जिंदल स्टील का विद्युत व्यापार का एबिटा मार्जिन 44% से घट कर 28% रह गया। मगर कंपनी का कुल एबिटा 37.7% की बढ़त के साथ 2,136 करोड़ रुपये और एबिटा मार्जिन 187 आधार अंक बढ़ कर 24.8% रहा।
घाटा बढ़ने का असर आज जिंदल स्टील के शेयर पर साफ दिख रहा है। 261.60 रुपये के पिछले बंद स्तर के मुकाबले 260.70 रुपये पर खुल कर यह पौने 10 बजे के करीब 4.00 रुपये या 1.53% की कमजोरी के साथ 257.60 रुपये पर चल रहा है। (शेयर मंथन, 10 मई 2018)
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