शीर्ष अदालत (Supereme Court) ने एरिक्सन (Ericsson) को बकाया भुगतान करने के लिए रिलायंस कम्युनिकेशंस (Reliance Communications) को 15 दिसंबर तक का समय दिया है।
खबर है कि अदालत ने रिलायंस कम्युनिकेशंस को 30 सितंबर के बाद से इस राशि पर 12% ब्याज का भुगतान करने का भी निर्देश दिया है। न्यायाधीष रोहिंटन एफ. नरीमन की अध्यक्षता वाली दो जजों की बेंच ने साफ कहा है कि यह आखरी बार भुगतान की तिथि बढ़ायी गयी है। अब 15 दिसंबर या इससे पहले रिलायंस कम्युनिकेशंस को बकाया राशि देनी ही होगी।
मामले में रिलायंस कम्युनिकेशंस के वकील कपिल सिबल (Kapil Sibal) ने अदालत में कहा कि जियो के साथ हुए संपत्ति बिक्री सौदे में कंपनी को एक पैसा भी नहीं मिला है, क्योंकि अभी दूरसंचार विभाग ने सौदे के लिए एनओसी (NOC) नहीं दी है। उन्होंने कहा कि एनओसी मिलते ही एक सप्ताह के भीतर एरिक्सन को भुगतान कर दिया जायेगा।
इससे पहले एनसीएलएटी ने रिलायंस कम्युनिकेशंस को सितंबर तक एरिक्सन को 550 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया था। साथ ही कंपनी पर दिवालिया कार्रवाई पर रोक लगायी थी, जिससे रिलायंस कम्युनिकेशंस अपने टावर, ऑप्टिक फाइबर केबल नटवर्क और स्पेक्ट्रम संपत्तियों को रिलायंस जियो (Reliance Jio) को बेचने योग्य हो गयी थी।
दूसरी तरफ बीएसई में रिलायंस कम्युनिकेशंस का शेयर 10.90 रुपये के पिछले बंद भाव की तुलना में 10.95 रुपये पर खुला। सपाट शुरुआत के बाद यह अभी तक 11.29-10.63 रुपये के दायरे में रहा है। 2 बजे के करीब कंपनी के शेयरों में 0.18 रुपये या 1.65% की कमजोरी के साथ 10.72 रुपये पर सौदे हो रहे हैं। (शेयर मंथन, 23 अक्टूबर 2018)
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