साल दर साल आधार पर 2018 की जुलाई-सितंबर तिमाही में चेन्नई पेट्रोलियम (Chennai Petroleum) के शुद्ध लाभ में 92.5% की जोरदार गिरावट आयी है।
पिछले साल की समान अवधि में हुए 314.84 करोड़ रुपये के मुकाबले कंपनी का मुनाफा 23.61 करोड़ रुपये रह गया। कमजोर मार्जिन और रुपये तथा कम इन्वेंट्री लाभ के कारण विदेशी मुद्रा घाटे की वजह से कंपनी का मुनाफा कम हुआ।
इस बीच कंपनी की कुल आमदनी 1.05 अरब रुपये के मुकाबले 43.8% बढ़ कर 1.51 अरब रुपये हो गयी। साथ ही पहली छमाही में कंपनी का सकल रिफाइनिंग मार्जिन (जीआरएम) 5.67 डॉलर प्रति के मुकाबले प्रति 5.98 डॉलर हो गया। जीआरएम, एक तेल रिफाइनरी द्वारा उत्पादित माल के मूल्य और उत्पादन में उपयोग की जाने वाली कच्चे माल की कीमत के बीच का अंतर है।
इसके अलावा साल दर साल आधार पर ही कंपनी का उत्पादन 26.43 लाख टन के मुकाबले 10% अधिक 29.06 लाख टन रहा। चेन्नई पेट्रोलियम की वित्तीय लागत 60.1% अधिक 105.47 करोड़ रुपये रही।
दूसरी तरफ बीएसई में चेन्नई पेट्रोलियम का शेयर 262.40 रुपये के पिछले बंद स्तर की तुलना में गिरावट के साथ 256.80 रुपये पर खुला, जो अभी तक के कारोबार में इसका ऊपरी स्तर रहा है। सवा 11 बजे के आस-पास कंपनी का शेयर 8.90 रुपये या 3.39% की कमजोरी के साथ 253.50 रुपये पर चल रहा है। (शेयर मंथन, 30 अक्टूबर 2018)
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