सरकारी कंपनी बीएचईएल (BHEL) ने मोनेट इस्पात (Monnet Ispat) के खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील अधिकरण (National Company Law Appellate Tribunal) या एनसीएलएटी में याचिका दाखिल की है।
बीएचईएल, जो कि मोनेट इस्पात की परिचालन लेनदार है, ने अपनी बकाया पूँजी वसूलने के लिए एनसीएलएटी का रुख किया है।
मामले में एनसीएलएटी चेयरमैन न्यायाधीश एस.जे. मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने मोनेट इस्पात और जेएसडब्ल्यू स्टील (JSW Steel) को नोटिस जारी किया है। बता दें कि मोनेट इस्पात की खरीदारी के लिए सर्वाधिक पूँजी की बोली लगाने के कारण जेएसडब्ल्यू स्टील को भी नोटिस जारी किया गया है।
बीएचईएल मोनेट इस्पात के रायगढ़ संयंत्र के संचालन के लिए जरूरी उपकरण मुहैया करवाये थे, जिसके लिए कंपनी पर 15 करोड़ रुपये बकाया हैं। एनसीएलएटी से पहले बीएचईएल ने एनसीएलटी के पास यचिका दाखिल की थी।
मगर एनसीएलटी ने यह कहते हुए कंपनी की याचिका खारिज कर दी थी कि लेनदारों की समिति (Committee of Creditors) ने परिचालन लेनदारों के लिए शून्य परिसमापन मूल्य को मंजूरी दी है।
उधर बीएसई में शुक्रवार को बीएचईएल का शेयर 0.25 रुपये या 0.36% की हल्की गिरावट के साथ 68.60 रुपये के भाव पर बंद हुआ। इस भाव कंपनी की बाजार पूँजी 25,185.80 करोड़ रुपये है। बता दें कि पिछले 52 हफ्तों में बीएचईएल का शेयर 108.00 रुपये तक चढ़ा और 61.55 रुपये के निचले भाव तक फिसला है। (शेयर मंथन, 12 जनवरी 2019)
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