देश का सबसे बड़ा कर्ज देने वाला बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया यानी एसबीआई (SBI) ने 5 हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों से करार किया है।
इसका मकसद अफॉर्डेबल यानी सस्ता लोन की उपलब्धता को बढ़ाना है। एसबीआई ने को-लेंडिंग एग्रीमेंट यानी मिलकर लोन देने के लिए करार किया है। यह पांच हाउसिंग कंपनियां पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस, आईआईएफएल होम फाइनेंस, श्रीराम हाउसिंग फाइनेंस, एडेलवाइज हाउसिंग फाइनेंस और कैपरी ग्लोबल हाउसिंग फाइनेंस हैं। एसबीआई के मुताबिक इस करार का लक्ष्य वैसे लोगों को लोन मुहैया कराना है जो अब तक इससे वंचित रह गए हैं। लोन बांटने के दौरान भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों का भी पालन किया जाएगा।
एसबीआई के मुताबिक देश में सस्ते घरों की कमी चिंता का विषय है। खासकर आर्थिक रुप से कमजोर तबके और समाज के असंगठित सेक्टर के लिए भी यह चिंताजनक है। इसमें सुधार लाने के मकसद से ही एसबीआई ने 5 हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के साथ मिलकर लोन देने का फैसला किया है।
एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खरा के मुताबिक यह करार सरकार के हाउसिंग फॉर ऑल बाई 2024 यानी 2024 तक सभी के लिए घर का लक्ष्य विजन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा। इस को-लेंडिंग मॉडल के तहत कर्ज लेने वालों को सबसे कम ब्याज दर पर लोन मुहैया कराना है। साथ ही इसकी पहुंच को भी आसान बनाना है। श्रीराम हाउसिंग फाइनेंस के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के मुताबिक दोनों कंपनियां ग्राहकों को 20:80 के अनुपात में लोन मुहैया कराएंगी। पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हरदयाल प्रसाद ने कहा कि एसबीआई के साथ यह करार रिटेल होम लोन सेगमेंट के दायरे को बढ़ाने में काफी मददगार साबित होगा। को-लेंडिंग प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग का भविष्य है। इससे कर्ज लेने वालों सस्ते दर पर लोन उपलब्ध हो जाता है। (शेयर मंथन, 24 मार्च 2022)
Add comment