रिलायंस ब्रांड्स लिमिटेड (RBL) ने इटली की खिलौना बनाने वाली कंपनी प्लास्टिक लेग्नो एसपीए (Plastic Legno SPA) के साथ ज्वाइंट वेंचर यानी संयुक्त उपक्रम के लिए करार किया है। इस करार के तहत रिलायंस ब्रांड्स लिमिटेड प्लास्टिक लेग्नो एसपीए के भारतीय कारोबार में 40 फीसदी हिस्सा खरीदेगी। हालाकि कंपनी ने सौदे की रकम का खुलासा नहीं किया है।
सौदे पर दोनों कंपनियों ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि यह निवेश रिलायंस ब्रांड्स लिमिटेड को अपने खिलौने कारोबार के वर्टिकल इंटीग्रेशन में मददगार साबित होगा। साथ ही सप्लाई चेन के डायवर्सिफिकेशन में भी मदद मिलेगी। भारत में खिलौने के उत्पादन को लेकर लंबी अवधि की रणनीति बना पाएगा।
आपको बता दें कि प्लास्टिक लेग्नो एसपीए पर मालिकाना हक सुनिनो ग्रुप (Sunino group) का है जिसके पास यूरोप में 25 साल से ज्यादा का खिलौना उत्पादन का अनुभव है।
रिलायंस ब्रांड्स लिमिटेड (RBL) रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड की सब्सिडियरी है। आपको बता दें कि कंपनी के पोर्टफोलियो में ब्रिटिश खिलौना कंपनी हैमलेज और देशी खिलौना ब्रांड रोवन (Rowan) पहले से मौजूद है।
मौजूदा समय में हैमलेज 15 देशों में 213 स्टोर्स के साथ की मौजूद है। इसके अलावा खिलौना स्टोर का भारत का सबसा बड़ा चेन भी है। रिलायंस ब्रांड्स लिमिटेड के प्रवक्ता के मुताबिक
प्लास्टिक लेग्नो एसपीए के साथ यह करार काफी महत्वपूर्ण है। प्लास्टिक लेग्नो एसपीए के पास जहां वैश्विक स्तर का खिलौना उत्पादन का अनुभव है तो दूसरी ओर रिलायंस के पास वैश्विक स्तर पर रिटेल खिलौना इंडस्ट्री के क्षेत्र में मजबूत पहुंच है। इस करार के बाद भारत में खिलौना उत्पादन के क्षेत्र में कारोबार के लिहाज से असीम संभावनाओं के दरवाजे खुलेंगे।
रिलायंस ब्रांड्स लिमिटेड को बढ़ते प्रतियोगिता के बीच रणनीतिक फायदे के लिए डिजाइन और क्षमता को विकसित करना होगा। साथ ही यह क्षमता विस्तार न केवल भारत के घरेलू बाजार के लिए बल्कि वैश्विक बाजारों को ध्यान में रखते हुए करना होगा।
सुनिनो ग्रुप (Sunino group) के सह मालिक पाओलो सुनिनो के मुताबिक हम ज्वाइंट वेंचर में रिलायंस ब्रांड्स लिमिटेड के साथ इस करार को लेकर काफी गौरवान्वित हैं। हमें भरोसा है कि खिलौना उत्पादन में प्लास्टिक लेग्नो एसपीए का अनुभव और हैमलेज की व्यावसायिक पहुंच इस ज्वाइंट वेंचर को सफलता दिलाने में अहम भूमिका निभाएंगे।
प्लास्टिक लेग्नो एसपीए ने भारत में 2009 में कारोबार शुरू किया था। इसका मकसद भारत को वैश्विक सप्लाई के लिए मजबूत उत्पादन हब के तौर पर विकसित करना था। (शेयर मंथन 01 जून 2022)
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