हल्दी वायदा (जून) की कीमतें नरमी रुझान के साथ 7,050-7,000 रुपये के स्तर पर लुढ़क सकती हैं।
हाजिर बाजारों में घरेलू माँग औसत और निर्यात माँग काफी कम देखी जा रही है। जबकि मौजूदा कम कीमतों पर किसानों द्वारा अपना स्टॉक नही बेचे जाने के कारण आवक भी कम हो रही है। इस बीच किसान मॉनसून का इंतजार कर रहे क्योंकि हल्दी की बुआई सामान्यत: बारिश के साथ ही शुरू हो जाती है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण - पश्चिम मॉनसून के केरल तट पर 29 मई को पहुँचने की संभावना है।
जीरा वायदा (जून) की कीमतों में तेजी बरकरार रहने की संभावना है और कीमतें 16,200-16,300 रुपये तक पहुँच सकती हैं। जीरे को 15,785 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है। कारोबारियों को आगामी दिनो में कीमतों में तेजी के रुझान की उम्मीद है, क्योंकि सीरिया में तनाव बढ़ रहा है और अनियमित मौसम के कारण उत्पादन भी प्रभावित हो सकता है, जिससे भारत से वैश्विक निर्यात माँग में बढ़ोतरी हो सकती है।
हाजिर बाजारों में नरमी के रुझान पर धनिया वायदा (जून) की कीमतों में 4,450 रुपये तक गिरावट जारी रह सकती है। किसानों द्वारा अपने पूराने स्टॉक की अधिक आवक के कारण बिकवाली का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। कीमतों में गिरावट की आशंका से किसान अपने स्टॉक की बिकवाली कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त धनिया की घरेलू कीमतों की तुलना में विदेशी बाजारों में कीमतें कम होने से रूस और बुल्गारिया से लगातार आयात के कारण नरमी का रुझान बढ़ता जा रहा है। आयातित धनिया की कीमत 3,600-3,800 रुपये प्रति 100 किलो ग्राम है, जो 36.5% आयात शुल्क चुकाने के बावजूद 600-900 रुपये सस्ता है। (शेयर मंथन, 28 मई 2018)
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