हाजिर बाजारों में तेजी के रुझान पर हल्दी वायदा (जुलाई) की कीमतों में 7,600 रुपये तक बढ़त दर्ज करने की संभावना है।
सीमित आपूर्ति के मुकाबले घरेलू और निर्यात माँग में बढ़ोतरी के कारण देश के हाजिर बाजारों में हल्दी की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। हल्दी की आवक प्रतिदिन कम हो रही है। किसान मौजूदा कीमतों पर अपना स्टॉक बेचना नही चाहते हैं। देश के बाजारों में 75% हल्दी की आवक हो चुकी है और शेष हल्दी किसानों के पास बची हुई है।
जीरा वायदा (जुलाई) की कीमतों में 16,765 रुपये तक बढ़त दर्ज किये जाने की संभावना हैं। बेहतर खरीदारी के कारण देश भर के बाजारों में जीरे की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। लेकिन ऊंझा में जीरे की कीमतों में स्थिरता है। मॉनसून की आवक के कारण कारोबारी और किसान बाजार से दूरी बनाये हुए हैं और बाजारों में कारोबार काफी कम हो रहा है। बढ़ते निर्यात माँग के कारण कीमतों को मदद मिल रही है लेकिन बंपर उत्पादन के कारण कीमतों पर दबाव भी पड़ रहा है।
धनिया वायदा (जुलाई) की कीमतों में 4,470-4,500 रुपये तक बढ़त दर्ज किये जाने की संभावना है। निचले स्तर पर खरीदारी और हाजिर बाजारों में कीमतों में बढ़ोतरी के कारण कीमतों को मदद मिल रही है। गुजरात में जीरा की कीमतों में 20-25 रुपये प्रति 20 किलो ग्राम की बढ़ोतरी हुई है, जबकि राजस्थान में जीरा की कीमतों में 50-100 रुपये प्रति 100 किलो ग्राम की बढ़ोतरी हुई है। पिछले वर्ष अधिक उत्पादन के बावजूद बेहतर कीमतें नही मिलने के कारण किसानों द्वारा इस वर्ष धनिया के उत्पादन क्षेत्र में कमी किये जाने की संभावना है। (शेयर मंथन, 14 जून 2018)
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