सोयाबीन वायदा (नवंबर) की कीमतों के 3,280-3,325 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
सोयाबीन की नयी फसल की औसत आवक लगभग 5,50,000 बैग प्रति दिन हो रही है। मौसम के साफ होने और फसल कटाई जोर-शोर से होने पर फसल की औसत आवक बढ़त 7,00,000 बैग प्रति दिन हो सकती है। नयी फसल की आवक काफी अच्छी स्थिति में है, लेकिन नयी फसल में नमी की मात्रा 10% के आवश्यक मात्रा की तुलना में 12-14% है। भारतीय सोयाबीन प्रोसेसर संगठन के अनुसार 2018-19 (अक्टूबर-सितबंर) सोयाबीन का उत्पादन पिछले वर्ष के 8.36 मिलियन टन की तुलना में 37% की वृद्धि के साथ 11.48 मिलियन टन होने का अनुमान है।
सरसों वायदा (नवंबर) की कीमतों को 4,220 रुपये के स्तर पर बाधा का सामना करना पड़ सकता है। सरसों तेल कम बिक्री के कारण पेराई मिलों की ओर से सरसों की माँग कम होने से कीमतों पर दबाव पड़ सकता है। पॉम तेल और सोया तेल के सस्ता होने से सरसों तेल की माँग कम हो गयी है। कई छोटे और मध्यम पेराई प्लांट या तो बंद हो गये हैं या प्रतिदिन की आवश्यकतानुसार ही पेराई कर रहे हैं।
सीपीओ (अक्टूबर) वायदा में 582 रुपये के नजदीक खरीददारी हो सकती है और कीमतों में 600-602 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है। साल्वेंट एक्सट्रैक्टर एसोसिएशन के नवीनतम आँकड़ों के अनुसार सितबंर महीने में भारत में पॉम ऑयल का आयात पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 1.4% की गिरावट के साथ 9,18,675 रुपये टन रह गया है। (शेय मंथन, 19 अक्टूबर 2018)
सरसों वायदा (नवंबर) की कीमतों को 4,220 रुपये के स्तर पर बाधा का सामना करना पड़ सकता है। सरसों तेल कम बिक्री के कारण पेराई मिलों की ओर से सरसों की माँग कम होने से कीमतों पर दबाव पड़ सकता है। पॉम तेल और सोया तेल के सस्ता होने से सरसों तेल की माँग कम हो गयी है। कई छोटे और मध्यम पेराई प्लांट या तो बंद हो गये हैं या प्रतिदिन की आवश्यकतानुसार ही पेराई कर रहे हैं।
सीपीओ (अक्टूबर) वायदा में 582 रुपये के नजदीक खरीददारी हो सकती है और कीमतों में 600-602 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है। साल्वेंट एक्सट्रैक्टर एसोसिएशन के नवीनतम आँकड़ों के अनुसार सितबंर महीने में भारत में पॉम ऑयल का आयात पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 1.4% की गिरावट के साथ 9,18,675 रुपये टन रह गया है। (शेय मंथन, 19 अक्टूबर 2018)
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