हल्दी वायदा (अप्रैल) में 6,550 रुपये के नजदीक निचले स्तर पर खरीदारी हो सकती है।
इससे हल्दी की कीमतें 6,750-6,850 रुपये तक बढ़त सकती हैं। कीमतों को 6,500 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है, जिससे गिरावट पर रोक लग सकती है। हाजिर बाजारों में नयी फसल की आवक जनवरी के मध्य तक आने की संभावना है, लेकिन कम कैरी ओवर स्टॉक के कारण कीमतों में आगे गिरावट की उम्मीद नही हैं। इरोद के हाजिर बाजार में अच्छी क्वालिटी के हल्दी की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है, जबकि स्थानीय ऑर्डर को पूरा करने के लिए मध्यम और खराब क्वालिटी की हल्दी की भी खरीदारी हो रही है।
जीरा वायदा (मार्च) की कीमतों के 17,000-17,400 रुपये के दायरे में बरकरार रहने की संभावना है और कीमतों की बढ़त पर रोक लगी रह सकती है। वर्तमान समय में निर्यात माँग काफी कम है और आगामी फसल के बेहतर होने की संभावना से कीमतों में गिरावट की उम्मीद से घरेलू खरीदारी भी आवश्यकतानुसार ही हो रही है। गुजरात में जीरे की बुआई लगभग पूरी हो चुकी है और पाँच वर्षो के औसत बुआई क्षेत्रों 3.18 लाख हेक्टेयर की तुलना में 3.21 लाख हेक्टेयर में बुआई हुई है।
धनिया वायदा (अप्रैल) की कीमतों में 6,700-6,650 रुपये के स्तर पर सहार के साथ तेजी का रुझान रहने की संभावना है। मौजूदा सीजन में उत्पादन में कमी की आशंका से राजस्थान के कारोबारी बाजार में उपलब्ध धनिया की ताबड़तोड़ खरीदारी कर रहे हैं। वर्तमान समय में उत्पादन क्षेत्रों में कम तापमान के कारण फसल के नुकसान होने और उत्पादकता कम होने की आशंका बढ़ गयी है। मौजूदा स्थिति में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि फसल को कितना नुकसान हो रहा है, लेकिन फसल की क्वालिटी के बुरी तरह से प्रभावित होने की संभावना है और इस प्रकार धनिया की कीमतों में तेजी का रुझान बना रह सकता है। (शेयर मंथन, 08 जनवरी 2019)
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