हल्दी वायदा की कीमतें पिछले सप्ताह के दौरान दर्ज बढ़त को बनाये रखने में सक्षम नहीं हो सकती है क्योंकि माँग की तस्वीर इतनी मजबूत नहीं है कि यह कीमतों में आगे भी इजाफा कर सके।
सितंबर कॉन्टैंक्ट की कीमतों को 6,400 रुपये के करीब बाधा का सामना करना पड़ सकता है और उच्च स्तर से मुनाफा वसूली के कारण कीमतों में 6,000 रुपये तक गिरावट हो सकती है। यह ध्यान दिया जाना चाहिये कि बाजार में हल्दी का एक अच्छा-खासा स्टॉक है, जबकि इस समय केवल मसाला निर्माता ही खरीदारी कर रहे हैं। स्टॉकिस्ट अभी भी दूरी बनाये हुये हैं। यद्यपि बाजारों में केवल मध्यम गुणवत्ता वाली हल्दी ही बिक्री के लिए पहुँची, लेकिन खरीदारों ने अपनी स्थानीय माँग और नगण्य घरेलू ऑर्डर को पूरा करने के लिए अच्छी संख्या में हल्दी बैग की खरीदारी की। लेकिन उन्होंने अधिक कीमतों पर खरीदारी नहीं की। गुणवत्ता के कारण अन्य बाजारों में थोड़ी बिक्री दर्ज की गयी। खरीदार बहुत सतर्क हैं क्योंकि वे अगले महीने शुरू होने वाले नये सीजन की प्रतीक्षा कर रहे है। इरोड हल्दी मर्चेंट्स एसोसिएशन की बिक्री यार्ड में, फिंगर वेराइटी की हल्दी की कीमतों 5,199-6,349 प्रति क्विंटल और रूट वेराइटी की 4,,869-5,769 रुपये के दायरे में रही।
जीरा वायदा (सितम्बर) की कीमतें 14,100-14,600 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। यद्यपि मसाले की कुल माँग में कोविड -19 की भूमिका अहम रहने की उम्मीद है, फिर भी व्यापारियों को उम्मीद है कि दिवाली तक कीमतें स्थिर रहेंगी। भारत मुख्य रूप से मध्य पूर्व के बाजार में जीरा निर्यात करता है और आने वाले हफ्तों में निर्यात बढ़ने की उम्मीद है। निर्यात और त्यौहार की माँग के साथ-साथ अक्टूबर से होने वाली बुआई भी जीरा की कीमतों पर असर डालेगी।
धनिया वायदा (सितम्बर) की कीमतों में तेजी बरकरार रहने की संभावना है और कीमतों के 7,000-7,100 रुपये के स्तर तक बढ़त दर्ज करने की संभावना है। वर्तमान में, मंडियों में काफी कम आवक हो रही है जबकि अधिकांश खरीदार सबसे अच्छी गुणवत्ता की खरीदारी करना चाह रहे हैं। (शेयर मंथन, 31 अगस्त 2020)
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