धीमी आवक के कारण सोयाबीन वायदा (नवम्बर) की कीमतों में तेजी का रुझान रहने की संभावना है और कीमतें 4,250 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 4,300 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है।
सोया तेल और सोयामील की माँग के कारण सोयाबीन की पेराई की गति अधिक है और प्लांट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उच्च कीमतों पर भी अधिक खरीदारी कर रहे है। भारतीय सोयाबीन की पेराई मार्जिन लगातार सकारात्मक रहा है। 15 अक्टूबर तक, इंदौर में सोयाबीन की पेराईा मार्जिन 193 रुपये प्रति क्विंटल थी जो अपेक्षाकृत अधिक है और अधिक पेराई के लिए उत्साहजनक था। 15 अक्टूबर तक कांडला में भारतीय सोयामील की कीमतें लगभग 415 डॉलर प्रति मीटिंक टन थीं, जबकि अर्जेंटीना के सोयामील के लिए कीमतें 430 डॉलर प्रति मीटिंक टन रही और से अमेरिकी सोयाबीन एफओबी कीमतों 436 डॉलर प्रति टन रही है। इसलिए अर्जेंटीना के सोयामील की कीमतों के मुकाबले एफओबी आधार पर भारतीय सोयामील की कीमत 15 डॉलर प्रति टन कम है और अमेरिकी सोयामील की तुलना में 21 डॉलर कम है।
सरसों वायदा (नवम्बर) की कीमतें 5,630-5,650 रुपये के स्तर तक बढ़त दर्ज कर सकती है। प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों से कम आवक और मिलों की मजबूत माँग के कारण कीमतों को समर्थन मिल सकता है। नॉफेड द्वारा अगली सूचना तक सरसों की नीलामियों को निलंबित कर दिये जाने से कीमतों को मदद मिल सकती है।
सोया तेल वायदा (नवम्बर) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 933-943 रुपये के दायरे में कारोबार करने की उम्मीद है, जबकि सीपीओ वायदा (अक्टूबर) की कीमतें 775-785 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं। डालियान और सीबोट में सोयाबीन तेल की कीमतों में तेज गिरावट के कारण कल मलेशियाई पाम तेल वायदा की कीमतों में 3% से अधिक की गिरावट हुई है जो लगभग एक महीने में सबसे बड़ी गिरावट है। (शेयर मंथन, 20 अक्टूबर 2020)
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