अंतरराष्ट्रीय बाजार से सकारात्मक संकेत पर कॉटन वायदा (जनवरी) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 21,200-23,300 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार करने की संभावना है।
फंडों की खरीदारी और अमेरिकी डॉलर के कमजोर होने से आईसीई में कॉटन वायदा की कीमतें पहली बार दिसंबर 2018 के बाद से 80 प्रतिशत के स्तर से ऊपर पहुँच गयी है। पिछले विश्व कृषि माँग और आपू्र्ति रिपोर्ट में उत्पादन अनुमान कम लगाया गया था, और उम्मीद है कि यूएसडीए की रिपोर्ट में उत्पादन अनुमान को फिर से कम किया जायेगा, जबकि माँग अधिक हुई है और स्टॉक कम हो रहा है।
ग्वासरसीड वायदा (जनवरी) की कीमतें 3,850-3,920 रुपये के दायरे में मजबूत हो सकती है, जबकि ग्वारगम वायदा (जनवरी) की कीमतें 5,900-6,000 रुपये के स्तर के दायरे में सीमित कारोबार कर सकती है। राजस्थान, हरियाणा और गुजरात के हाजिर बाजारों में कमजोर रुख बना हुआ है। ग्वारगम स्पिलिट और ग्वारगम पाउडर की अनिश्चित माँग के कारण मिलों की ओर ग्वारसीड की माँग में कमी है। कारोबारियों को निर्यात माँग के सकारात्मक संकेत का बेसब्री से इंतजार है जो अभी भी स्पष्ट नहीं है। दूसरी ओर, कम कीमतें मंडियों में किसान को अपनी फसल बेचने के लिए हतोत्साहित कर रही हैं, जिसके परिणामस्वरूप आवक कम हुई हैं और कीमतों को मदद मिली है।
मेंथा ऑयल वायदा (जनवरी) की कीमतों को 980 रुपये के आस-पास सहारा मिलने की संभावना है और मजबूत फंडामेंटल के कारण कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है। ओरल केयर, फार्मास्युटिकल और कन्फेक्शनरी कंपनियों द्वारा आने वाले तिमाहियों में मेंथा ऑयल की खरीदारी बढ़ने की संभावना है, जिससे निर्यात कोविड से पहले के स्तर के बराबर हो जायेगा। यूरोपीय और अमेरिकी बाजार जनवरी के पहले सप्ताह में खुलेंगे और फरि निर्यातकों को नये ऑर्डर मिलने की उम्मीद है। चीन की ओर से खरीदारी में भी साथ-साथ तेजी आने की संभावना है। अमेरिका और यूरोप में ठंड के मौसम में मेंथा तेल की बिक्री को बढ़ावा मिलेगा, जिसका उपयोग ठंड से राहत देने वाली दवाओं, दर्द से राहत देने वाले तेल और तेलों में किया जाता है। (शेयर मंथन, 08 जनवरी 2021)
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