तीन हफ्ते की गिरावट के बाद कॉटन वायदा (दिसंबर) की कीमतों में पिछले हफ्ते करीब 1 फीसदी की तेजी दर्ज की गयी है।
अब कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 31,660-33,250 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। उत्पादन की चिंताओं और निर्यात के लिए कच्चे कपास की अधिक माँग के कारण वर्तमान कपास की कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 55%-60% अधिक हैं। दैनिक आवक सामान्य से कम है इसलिए मिलों के पास स्टॉक कम है और घरेलू स्तर पर धागे की माँग अच्छी है। मिलों की ओर से खरीदारी जारी रहेगी।
उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली और नये सीजन की फसल की आवक के कारण ग्वारसीड वायदा (दिसंबर) की कीमतों में लगातार चौथे सप्ताह गिरावट जारी रही। अब कीमतें 5,700 रुपये पर सहारा और 6,270 रुपये पर बाधा के साथ एक दायरे में कारोबार कर सकती है। वर्तमान में, कम उत्पादन, कई वर्षो में कम स्टॉक और अच्छी निर्यात माँग की संभावना से कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 50% अधिक हैं। नये सीजन में ग्वारसीड की आवक घट सकती है क्योंकि कीमतें एक महीने के निचले स्तर पर आ गयी हैं। सितंबर में, ग्वारगम का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 30% बढ़कर 24,800 टन हो गया, जबकि 2021-22 (अप्रैल-सितंबर) में निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 43% बढ़कर 1.58 लाख टन हो गया।
अरंडी सीड वायदा (दिसंबर) की कीमतें पिछले 4 सप्ताह में पहली बार हरे रंग में बंद हुई है। कीमतों के 6,370 रुपये पर सहारा और 6,550 रुपये पर बाधा के साथ सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है। अरंडी के तेल और मील के लिए पूरे वर्ष लगातार निर्यात माँग से कीमतें उच्च स्तर पर रह सकती हैं। वित्त वर्ष 2021 के पहले 10 महीनों में कैस्टर मील का निर्यात 2.8 लाख टन से वर्ष-दर-वर्ष 7% बढ़कर 3 लाख टन हो गया है जबकि पिछले साल की तुलना में 30% अधिक कीमतों के बावजूद जनवरी-अक्टूबर में अरंडी के तेल का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 10% बढ़कर लगभग 5.94 लाख टन हो गया है। पहले अग्रिम अनुमान में, गुजरात में पिछले साल के मुकाबले 13.5 लाख टन उत्पादन होने की उम्मीद है। (शेयर मंथन, 29 नवंबर 2021)
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