सोयाबीन वायदा (दिसंबर) की कीमतों में शुक्रवार को 3.5% की बढ़त के साथ बंद हुई है।
अब यदि कीमतें 6,371 रुपये के स्तर पर सहारा और 6,750 रुपये के स्तर पर रुकावट के साथ सीमित दायरे में कारोबार कर सकती है। चीन की ओर से अधिक माँग के कारण अमेरिकी सोयाबीन की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है। सोपा के अनुसार अक्टूबर में सोयाबीन की आवक पिछले साल के 18 लाख टन की तुलना में 15 लाख टन हुई है। सोयाबीन की घरेलू माँग में बढ़ोतरी हो रही है जबकि खाद्य तेल का आयात घट रहा है। यूएसडीए की नवंबर मासिक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सोयाबीन का उत्पादन माह-दर-माह 8% बढ़कर 11.9 मिलियन टन हो गया है। खाद्य तेल की कीमतों में शुक्रवार को बढ़ोतरी हुई है। ओमाइक्रोन कोरोना वायरस संस्करण को लेकर अनिश्चितताओं के कारण मलेशियाई पॉम तेल वायदा की कीमतों में दूसरी साप्ताहिक गिरावट हुई है। एसईए के मासिक आँकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में खाद्य तेल आयात माह-दर-माह 38.4% कम हुआ है, जबकि पोर्ट पर स्टॉक माह-दर-माह 15% कम रहा है। 2020-21 में भारत का पॉम तेल आयात एक साल पहले की तुलना में 15.2% बढ़कर 8.32 मिलियन टन हो गया, जबकि सोया तेल का आयात 15% गिरकर 2.87 मिलियन टन हो रह गया।
रिफाइंड सोया तेल वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 1,190-1,225 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है जबकि सीपीओ वायदा (दिसंबर) की कीमतें यदि 1,114 रुपये के स्तर को पार करती है तो 1,125-1,130 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। (शेयर मंथन, 06 दिसंबर 2021)
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