4 दिनों तक गिरावट के बाद निचले स्तर पर खरीदारी के कारण सोयाबीन वायदा (जनवरी) की कीमतों में शुक्रवार को बढ़त के साथ बंद हुई है।
अब कीमतों के 6,330-6,670 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है। कीमतों को नियंत्राण में रखने के लिए राजस्थान और यूपी सरकार द्वारा स्टॉक की सीमा लगाई गयी है, लेकिन फिर भी कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 51% अधिक हैं क्योंकि किसान और व्यापारी अधिक कीमतों की उम्मीद में सीमित मात्रा में अपना उत्पाद बेच रहे है या नयी सीजन की फसल को रोक रहे हैं। इसी तरह तेल मिल मालिक और स्टॉकिस्ट भी सोयाबीन की खरीद-फरोख्त कर रहे हैं। सोपा के अनुसार, अक्टूबर में सोयाबीन की आवक पिछले साल के 18 लाख टन की तुलना में कम 15 लाख टन रही है। यूएसडीए की नवंबर की मासिक रिपोर्ट के अनुसार भारत में सोयाबीन का उत्पादन माह-दर-माह 8% बढ़कर 11.9 मिलियन टन हो गया है। हाल ही में, सरकार ने देश में जीएम सोयमील के अतिरिक्ता आयात को मंजूरी नहीं देने का फैसला किया है, क्योंकि यह घरेलू खपत के लिए पर्याप्त उत्पादन करेगा। कमजोर अंतरराष्ट्रीय कीमतों और रबी तिलहन के अधिक उत्पादन अनुमान के कारण अगले सीजन में अच्छी आपूर्ति की उम्मीद को देखते हुये खाद्य तेल की कीमतें गिरावट के साथ बंद हुईं। मलेशियाई पॉम तेल वायदा की कीमतों में शुक्रवार को बढ़त दर्ज की गयी, क्योंकि मोलभाव की खरीदारी के कारण कीमतों को मदद मिली। 1-10 दिसंबर के दौरान मलेशियाई पॉम तेल का निर्यात अपरिवर्तित है। डालियान में सबसे सक्रिय सोया तेल अनुबंध 2% कम हो गया, जबकि इसके पाम तेल अनुबंध में 2.1% की गिरावट हुई।
शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेंड में सोया तेल की कीमतें 0.5% बढ़ी है। एसईए के अनुसार, अक्टूबर में खाद्य तेल आयात माह-दर-माह 38.4% कम हुआ है, जबकि पोर्ट पर स्टॉक माह-दर-माह 15% कम रहा है। रिफाइंड सोया तेल वायदा (जनवरी) की कीमतें 1,180 रुपये पर सहारा और 1,210 रुपये पर अड़चन के साथ कारोबार कर सकती है जबकि सीपीओ वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 1,095-1,115 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है। (शेयर मंथन, 15 दिसंबर 2021)
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