2019 में पहली बार अमेरिकी के कच्चे तेल की कीमतें बुधवार को 50 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर हो गयीं।
उम्मीद है कि वाशिंगटन और बीजिंग एक वैश्विक आर्थिक मंदी के कारण व्यापार विवाद को हल कर सकते हैं। यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) कच्चा तेल का वायदा 36 सेंट यानि 0.7% की तेजी के साथ 50.14 प्रति बैरल पर कारोबार करता हुआ देखा गया।
अंतरराष्ट्रीय र्ब्रेंट क्रूड वायदा में अभी तक कारोबार की शुरआत नहीं हुयी थी। एएनजेड बैंक ने बुधवार को कहा कि अमेरिकी कच्चा तेल वायदा अमेरिका और चीन के बीच व्यापार वार्ता में और प्रगति के संकेत से बढ़ा।
दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं बीजिंग में बुधवार को अमेरिकी कृषि और ऊर्जा वस्तुओं की खरीद सहित मुद्दों पर प्रगति के संकेतों के बीच तीसरे दिन व्यापार वार्ता जारी रखेंगी।
राज्य के अखबार चाइना डेली ने बुधवार को कहा कि बीजिंग संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ अपने व्यापार विवाद को खत्म करने का इच्छुक है, लेकिन यह कोई "अनुचित रियायतें" नहीं देगा और दोनों पक्षों में समझौता होना चाहिए।
यदि 2 मार्च तक कोई सौदा नहीं होता है, तो ट्रम्प ने कहा है कि वह 200 मिलियन डॉलर के चीनी आयात पर 10% से 25% तक टैरिफ बढ़ाने के साथ आगे बढ़ेगा, जबकि चीन की अर्थव्यवस्था काफी धीमी हो रही है।
पेट्रोलियम निर्यातक देशों (ओपेक) के संगठन के साथ-साथ गैर-ओपेक सदस्य रूस के आसपास उत्पादकों के एक समूह द्वारा 2018 के अंत में शुरू की गयी आपूर्ति कटौती से तेल की कीमतों को भी समर्थन मिल रहा है।
एएनजेड ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतें लगातार बढ़ती रही हैं, जिससे निवेशकों को भरोसा हो गया कि ओपेक की कटौती से बाजार में मजबूती आएगी। (शेयर मंथन, 09 जनवरी 2019)