मेरा मानना है कि इस साल शेयर बाजार में अच्छी तेजी आ सकती है, जिसका फायदा उठाने के लिए पीएसयू बैंकों और तेल मार्केटिंग कंपनियों के अलावा बुनियादी ढाँचा और ऑटो क्षेत्रों के चुनिंदा शेयरों में निवेश करना चाहिए।
अभी बाजार की नजर आरबीआई की नीतिगत समीक्षा पर है। हमने रघुराम राजन के कदमों से देखा है कि वे किताबी आधार पर चलने वाले गवर्नर नहीं हैं, जैसा पिछले कुछ गवर्नर करते रहे हैं। राजन विकास पर भी उतना ही ध्यान दे रहे हैं, जितना महँगाई पर। उन्होंने रुपये की कमजोरी को सँभालने के लिए मजबूत कदम उठाये और व्यवस्थागत नकदी की मात्रा में स्थिरता लाने का काम किया।
राजन मानते हैं कि महँगाई के पीछे माँग का दबाव नहीं है और अर्थव्यवस्था में पर्याप्त मात्रा में अतिरिक्त क्षमता खाली पड़ी है। इसके चलते उत्पादन (मैन्युफैक्चरिंग) संबंधी महँगाई दर नीचे बनी रहेगी। कमोडिटी भावों में नरमी, रुपये में मजबूती और हाल में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के चलते ब्याज दरों में कटौती के लिए तर्क मजबूत होंगे। आरबीआई पहले अभी जनवरी में एसएलआर में ढील दे सकता है या नकदी की मात्रा बढ़ाने वाले कदम उठा सकता है। इसके बाद मार्च से रेपो दर में कटौतियों का सिलसिला शुरू हो सकता है। संदीप सभरवाल, सीआईओ, सन कैपिटल (Sandip Sabharwal, CIO, Sun Capital)