पीपीएफएएस म्यूचुअल फंड (PPFAS Mutual Fund) के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर (सीआईओ) राजीव ठक्कर ने निवेशकों और वितरकों एवं सलाहकारों के नाम जारी एक वक्तव्य में बताया है कि हाल में उनके फंड हाउस ने एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) बेच कर एचडीएफसी (HDFC Ltd) क्यों खरीदा है।
राजीव ठक्कर ने इस वक्तव्य में बताया कि कुछ समय पहले हमने एचडीएफसी बैंक के शेयरों को बेच कर एचडीएफसी लिमिटेड खरीद लिया था। यहाँ ध्यान देने की बात यह है कि इन दोनों कंपनियों के विलय की घोषणा पहले ही कर दी गयी है और इनके विलय का अनुपात सबको मालूम है। दोनों एक ही समूह की कंपनियाँ हैं और संबंधित प्राधिकारणों से पहले ही अनौपचारिक अनुमति या सलाह ली गयी थी, इसलिए इन दोनों का विलय होना महज एक औपचारिकता भर रह गया है। आज किसी के पास चाहे एचडीएफसी बैंक के शेयर हों या एचडीएफसी लिमिटेड के, अंततः उसके पास एचडीएफसी बैंक के ही शेयर होंगे।
इन स्थितियों में एचडीएफसी बैंक को बेच कर एचडीएफसी खरीदने के अपने कदम को समझाते हुए राजीव ठक्कर कहते हैं, 'हमारा इरादा एचडीएफसी बैंक के शेयर रखने का है, पर समझदारी उस कंपनी में निवेश करने में है, जो विनिमय अनुपात (एक्सचेंज रेश्यो) के लिहाज से सस्ता है। लेन-देन की लागत (ट्रांजैक्शन कॉस्ट) लगाने के बाद दोनों कंपनियों के शेयर भावों के बीच 3% का अंतर था। इसमें हमारा निवेश लगभग 2,000 करोड़ रुपये (पोर्टफोलिओ का लगभग 8%) का है, और इस बदलाव से संपूर्ण पोर्टफोलिओ पर हमें करीब 60 करोड़ रुपये या 24 आधार अंक (बेसिस पॉइंट) का लाभ मिला है। हालाँकि ऊपर से देखने पर इसके चलते पोर्टफोलिओ में बदलाव (चर्न) बढ़ा हुआ दिखता है, पर हमारे पास अभी भी उसी अंतर्निहित व्यवसाय (अंडरलाइंग बिजनेस) का स्वामित्व है।'
तो कुल मिला कर राजीव ठक्कर की इस टिप्पणी से स्पष्ट है कि रणनीतिक रूप से दोनों शेयरों के भावों में एक तरह का आर्बिट्राज अवसर देखते हुए पीपीएफएएस म्यूचुअल फंड ने उसका लाभ उठाया और इससे करीब 60 करोड़ रुपये कमा लिये। (शेयर मंथन, 12 अगस्त 2022)