साल 2018 के लिए मेरा अनुमान है कि बाजार का झुकाव ठहराव या जमने (कंसोलिडेशन) की ओर रहेगा और साल के दौरान बाजार में स्थिरता रहेगी।
अगले छह महीनों में सेंसेक्स 35,040 और निफ्टी 10,885 की ओर बढ़ेगा। साल भर में सेंसेक्स 37,630 और निफ्टी 11,330 की ओर जाने की संभावना है। अगले एक साल के दौरान निफ्टी का संभावित उच्चतम स्तर 11,550 रह सकता है, जबकि इसकी संभावित तलहटी 9,832 पर बनने की संभावना है, यानी इससे नीचे जाने की आशंका नहीं है।
कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें, महँगाई दर और वैश्विक ब्याज दरों का बढ़ना इस समय बाजार के लिए प्रमुख चिंताएँ हैं। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से साल 2018 में तीन बार दरों में वृद्धि की संभावना दिखती है। अगर इससे ज्यादा बड़े स्तर पर वृद्धि होगी, तो भारतीय बाजार पर भी उसका असर दिख सकता है। कच्चे तेल और वैश्विक अर्थव्यवस्था को अगले छह महीनों में भारतीय बाजार को प्रभावित करने वाला सबसे खास पहलू माना जा सकता है।
मगर घरेलू तरलता यानी नकदी की उपलब्धता अच्छी है। साथ ही जीएसटी (GST), दीवालिया कानून (Bankruptcy Code) और सरकारी बैंकों का पुनर्पूँजीकरण (PSU bank recapitalisation) जैसे संरचनात्मक सुधार बाजार के लिए सकारात्मक हैं। कारोबारी साल 2017-18 की तीसरी तिमाही में कंपनियों के कारोबारी नतीजों में औसतन 10 से 15% बढ़त दिखने की उम्मीद है।
साल 2018 में एफएमसीजी, कैपिटल गुड्स, आईटी और बुनियादी ढाँचा (इन्फ्रास्ट्रक्चर) क्षेत्र तेज रहने की उम्मीद है, जबकि वित्तीय क्षेत्र, दवा और ऊर्जा में कमजोरी रह सकती है। इस नये साल के लिए मेरे पाँच पसंदीदा शेयर हैं सिंजेन, एसबीआई, टाटा मोटर्स, अवंति फीड्स और सद्भाव इंजीनियरिंग। बीनू जोसेफ, वीपी, इंडिट्रेड कैपिटल (Binu Joseph, VP, Inditrade Capital)
(शेयर मंथन, 27 दिसंबर 2017)
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