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निवेश के अन्य विकल्पों की कमी

ashok aggrawal globeअशोक अग्रवाल
निदेशक, एस्कॉर्ट्स सिक्योरिटीज
बाजार के बारे में मेरा नजरिया सकारात्मक है।

जून 2017 तक सेंसेक्स 28,000 और निफ्टी 8,750 पर होने की आशा है। साल भर में सेंसेक्स 29,000 और निफ्टी 8,900 पर पहुँच सकते हैं। इस साल सेंसेक्स का शिखर 31,000 और निफ्टी का शिखर 9,300 पर हो सकता है। अक्टूबर-दिसंबर 2016 की तिमाही के कारोबारी नतीजे अगले छह महीनों में बाजार की चाल के लिए सबसे महत्वपूर्ण होंगे।
विकास दर, कंपनियों की आय, रुपये की मजबूती, महँगाई दर और ब्याज दरों को लेकर कुछ स्थानीय और वैश्विक चिंताएँ हैं। वहीं लोकलुभावन नीतियों के चलते वैश्विक व्यापार एवं विकास में बाधा आ सकती है। भारी मात्रा में घरेलू पैसों की उपलब्धता और साथ में एफआईआई निवेश के चलते शेयर बाजार छोटी से मध्यम अवधि में अच्छा प्रदर्शन कर सकता है।
छोटी अवधि में नोटबंदी के चलते काफी सारे उद्योगों में माँग नष्ट होगी। वापस सँभलना इस बात पर निर्भर करेगा कि प्रणाली में कितना पैसा डाला जाता है। नयी नकदी जितनी जल्दी डाली जायेगी, अर्थव्यवस्था पर नोटबंदी का विपरीत असर उतना ही कम होगा। कंपनियों की आय पर इसका असर साल की चौथी तिमाही में दिखेगा। हालाँकि शेयर बाजार पर इसका असर सकारात्मक होगा, क्योंकि निवेश के अन्य विकल्पों की कमी है। (शेयर मंथन, 05 जनवरी 2017)

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