खबरों के अनुसार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की डीएचएफएल (DHFL) के बॉन्डों में से आधे रिडीम करने की योजना है।
ईपीएफओ ने डीएचएफएल से इसकी कैश-जनरेशन योजनाओं का विवरण माँगा है। ईपीएफओ ने पाँच साल पहले डीएचएफएल के बॉन्डों में 1,300 करोड़ रुपये निवेश किये थे। इन बॉन्डों पर 5 सालों के बाद 'पुट विकल्प' है। इसी विकल्प का इस्तेमाल करते हुए ईपीएफओ मैच्योरिटी से पहले बॉन्ड रिडीम करने पर विचार कर रहा है।
दरअसल एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी) क्षेत्र में चल रहे संकट के बीच कई रेटिंग एजेंसियों ने डीएचएफएल के लिए 'डी' या डिफॉल्ट रेटिंग जारी कर दी है। डीएचएफएल के सामने भी नकदी संकट है। डीएचएफएल प्रमोटरों की हिस्सेदारी घटाने के लिए कुछ निजी इक्विटी फंडों के साथ बात कर रही है, जिससे नकदी की कमी को दूर किया जा सके और भविष्य के ऋण दायित्व चुकाने में मदद मिल सके।
बीएसई में डीएचएफएल का शेयर 76.50 रुपये के पिछले बंद भाव के मुकाबले सुबह हल्की गिरावट के साथ 75.20 रुपये पर खुला और कारोबार के दौरान 62.55 रुपये के 52 हफ्तों के निचले स्तर तक लुढ़का।
करीब सवा 3 बजे कंपनी के शेयरों में 11.45 रुपये या 14.97% की कमजोरी के साथ 65.05 रुपये पर कारोबार हो रहा है। इस भाव पर कंपनी की बाजार पूँजी 2,041.42 करोड़ रुपये है। वहीं पिछले 52 हफ्तों में इसके शेयर का सर्वाधिक भाव 690.00 रुपये रहा है। (शेयर मंथन, 18 जून 2019)
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