रिलायंस निप्पॉन लाइफ एसेट मैनेजमेंट (Reliance Nippon Life Asset Management) ने करीब 478 करोड़ रुपये की वसूली के लिए संकट से गुजर रही गैर-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी डीएचएफएल (DHFL) के खिलाफ बॉम्बे उच्च न्यायालय (Bombay High Court) का रुख किया है।
इस खबर से डीएचएफएल के शेयर में 19.5% से अधिक की गिरावट आयी है।
डीएचएफएल की ओर से कहा गया है कि मई में कंपनी लगभग 200 करोड़ रुपये के भुगतान में चूक गयी थी। रिलायंस निप्पॉन गैर-परिवर्तनीय डिबेंचरों (एनसीडी) पर बकाया माँग रही, जिनके चुकाने में डीएचएफएल असफल रही। न्यायाधीश एके मेनन ने अपने मौखिक आदेश में डीएचएफएल को वेतन और अन्य खर्चों को छोड़कर किसी को भी भुगतान करने से रोक दिया। अब रिलायंस निप्पॉन द्वारा दायर याचिका के जवाब में डीएचएफएल अपना जवाब दाखिल करेगी। अदालत में सुनवाई की अगली तारीख शुक्रवार है।
गौरतलब है कि बॉन्डधारकों के डीएचएफएल पर 41,000 करोड़ रुपये और बैंकों के 27,527 करोड़ रुपये बकाया हैं।
बीएसई में डीएचएफएल का शेयर 38.70 रुपये पिछले बंद स्तर के मुकाबले 38.85 रुपये पर खुल कर अभी तक के कारोबार के दौरान 31 रुपये के 52 हफ्तों के निचले स्तर तक फिसला है।
करीब पौने 2 बजे कंपनी के शेयरों में 7.60 रुपये या 19.64% की कमजोरी के साथ 31.10 रुपये के भाव पर सौदे हो रहे हैं। इस भाव पर कंपनी की बाजार पूँजी 975.99 करोड़ रुपये है। (शेयर मंथन, 01 अक्टूबर 2019)
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