कॉरपोरेट जगत के अब तक के सबसे बड़े मर्जर का ऐलान बाजार खुलने से पहले एचडीएफसी ने किया है।
एचडीएफसी का एचडीएफसी बैंक में मर्जर करने को बोर्ड से मंजूरी मिल गई है। एक्सचेंज को दी गई जानकारी के मुताबिक भारत की सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी (Housing Finance) एचडीएफसी लिमिटेड (HDFC Limited) का विलय एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) के साथ होने जा रहा है, जो देश के प्राइवेट सेक्टर का सबसे बड़ा बैंक है।
एचडीएफसी-लिमिटेड के चेयरमैन दीपक पारेख ने कहा, "यह एक बराबरी का विलय है। हमारा मानना है कि RERA के लागू होने, हाउसिंग सेक्टर का इंफ्रास्ट्रक्चर दर्जा, सभी के लिए किफायती घरों जैसी सरकारी पहल के कारण हाउसिंग फाइनेंस कारोबार तेजी से बढ़ने की ओर तत्पर है।" एचडीएफसी के वाइस-चेयरमैन और सीईओ केकी मिस्त्री के मुताबिक "यह मर्जर एचडीएफसी बैंक को वैश्विक मानकों से भी बड़ा लेंडर बना देगा। इस मर्जर के बाद एचडीएफसी बैंक में विदेशी संस्थागत निवेशकों के होल्डिंग के लिए ज्यादा जगह बन पाएगा।"
एचडीएफसी-एचडीएफसी बैंक का विलय वित्त वर्ष 2024 की दूसरी या तीसरी तिमाही तक पूरा होने की उम्मीद है। एचडीएफसी ने कहा कि प्रस्तावित लेनदेन एचडीएफसी बैंक को अपना हाउसिंग लोन पोर्टफोलियो बनाने और अपने मौजूदा ग्राहकों को बढ़ाने में काफी मददगार साबित होगा। एक्सचेंज को दी गई जानकारी के मुताबिक इस विलय के जरिए एचडीएफसी लिमिटेड,एचडीएफसी बैंक में 41 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी।
मर्जर के इस नई व्यवस्था में एचडीएफसी इन्वेस्टमेंट का एचडीएफसी में मर्जर होगा। साथ ही एचडीएफसी होल्डिंग्स का भी एचडीएफसी में मर्जर होगा। एचडीएफसी बैंक में 100 फीसदी शेयरहोल्डिंग पब्लिक की होगी। मर्जर के बाद बैंक की शाखाएं एचडीएफसी के उत्पाद भी बेच सकेंगे। मर्जर से बैंक पहले के मुकाबले और कंपीटिटिव उत्पाद ग्राहकों को ऑफर कर सकेगा। वहीं बैंक के असुरक्षित लोन के एक्सपोजर में भी कमी आएगी। आपको बता दें कि मर्जर के बाद भी शशिधर जगदीशन नई कंपनी के सीईओ (CEO) बने रहेंगे। जहां तक दोनों कंपनियों के संयुक्त लोन बुक का सवाल है तो वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही तक लोन बुक 17.9 लाख करोड़ रुपए है। एचडीएफसी बैंक के सीईओ के मुताबिक यह मर्जर दोनों कंपनियों के लिए बेहतर साबित होगा। इस मौके पर एचडीएफसी के सीईओ केकी मिस्त्री के मुताबिक मर्जर को शेयरधारकों और रेगुलेटर से मंजूरी मिलना बाकी है। केकी मिस्त्री के मुताबिक मर्जर सही दिशा में उठाया गया कदम है। इस मेगा मर्जर से बड़े इंफ्रा लोन को अंडरराइट करने की मंजूरी मिल पाएगी। मर्जर के बाद एचडीएफसी को अब लिक्विडिटी रेश्यो मेंटेन करना होगा। मर्जर के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक अब 7% और हिस्सा खरीद पाएंगे।
एचडीएफसी-एचडीएफसी बैंक में मर्जर के मौके पर प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख ने चुटकी लेते हुए कहा कि मीडिया को इस डील के बारे में भनक तक नहीं लगी। उन्होंने कहा कि इस मर्जर पर पिछले 3 हफ्ते से काम जारी था। एचडीएफसी के 25 शेयर के बदले एचडीएफसी बैंक के 42 शेयर मिलेंगे। दीपक पारेख के मुताबिक मर्जर दोनों कंपनियों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा। एचडीएफसी की सभी सब्सिडियरी एचडीएफसी बैंक की सब्सिडियरी होगी। सभी सब्सिडियरी के एचडीएफसी में विलय के बाद एचडीएफसी का एचडीएफसी बैंक में विलय होगा। मर्जर के बाद एचडीएफसी बैंक में 100 फीसदी होल्डिंग पब्लिक शेयरहोल्डर्स की होगी। मर्जर के बाद एचडीएफसी बैंक में कोई भी प्रोमोटर नहीं होगा। मर्जर के बाद बैंक के लिए फंड जुटाना आसान होगा और साथ ही फंड की लागत में भी कमी आएगी। इसके अलावा मॉर्गेज कारोबार में बाजार की हिस्सेदारी बढ़ेगी। साथ ही मर्जर से रिटर्न ऑन इक्विटी में भी सुधार देखने को मिलेगा। जहां तक कर्मचारियों का सवाल है तो मर्जर का उनपर कोई असर नहीं होगा। मंजूरी मिलने तक दोनों कंपनियां अलग-अलग काम करती रहेंगी।
एचडीएफसी-एचडीएफसी बैंक में मर्जर प्रक्रिया दो चरणों में पूरा होगा। पहले चरण में एचडीएफसी की सब्सिडियरी का एचडीएफसी में विलय होगा। इस विलय प्रक्रिया के पूरी होने के बाद एचडीएफसी का विलय एचडीएफसी बैंक में होगा। विलय के बाद एचडीएफसी बैंक में में एचडीएफसी के शेयर डिजॉल्व होंगे। फिलहाल एचडीएफसी बैंक में एचडीएफसी और सब्सिडियरी का 29% हिस्सा है। एचडीएफसी बैंक में एचडीएफसी के शेयरहोल्डर का 41 फीसदी हिस्सा होगा। जहां तक स्वैप रेश्यो का सवाल है तो एचडीएफसी के हर 25 शेयर के लिए एचडीएफसी बैंक के 42 शेयर दिए जायेंगे। इस मर्जर से क्रॉस सेलिंग का फायदा मिलेगा। एचडीएफसी के हाउसिंग प्रोडक्ट को एचडीएफसी बैंक और बेहतर दाम पर बेच पाएगा।
मर्जर से बैंक के बैलेंस शीट में भी सुधार देखने को मिलेगा। साथ ही इस मर्जर से कॉर्पोरेट स्ट्रक्चर में सुधार से ग्राहकों को भी फायदा मिलेगा। जहां तक मर्जर के बाद बनी नई कंपनी के बैलेंश शीट का सवाल है तो वह करीब 17.87 लाख करोड़ रुपए का होगा। सालाना मुनाफा 49,263 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है। मर्जर के बाद कैपिटल एडिक्वेसी रेश्यो 19.8 फीसदी होने की उम्मीद है। मॉर्गेज कारोबार 33 फीसदी,व्यावसायिक और ग्रामीण बैंकिंग में हिस्सेदारी 24 फीसदी के करीब होगी। वहीं रिटेल में हिस्सेदारी 21 फीसदी और कॉरपोरेट में 19 फीसदी होने की उम्मीद है। मर्जर के बाद शेयरों की संख्या 74.2 करोड़ होंगे और प्रति शेयर कमाई करीब 67 रुपए होने की उम्मीद है। एचडीएफसी का शेयर काोबारी सत्र के दौरान 2,933.80 के स्तर को छुआ और 9.29 फीसदी तक तेजी के साथ बंद होने में कामयाब रहा।
एचडीएफसी लाइफ 3.90 फीसदी और एचडीएफसी एएमसी में 3.45% तक की मजबूती देखी गई। एचडीएफसी बैंक 9.83 फीसदी की तेजी के साथ बंद होने में कामयाब रहा। एचडीएफसी लाइफ 3.90 फीसदी और एचडीएफसी एएमसी में 3.45 फीसदी तक की मजबूती देखी गई। एसएंडपी के मुताबिक मर्जर के बाद एचडीएफसी बैंक आईसीआईसीआई बैंक के साइज के दोगुने आकार का हो जाएगा। (शेयर मंथन, 04 अप्रैल 2022)
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