सोयाबीन (अप्रैल) वायदा की कीमतें तेजी के रुझान के साथ 3,800-3,900 रुपये के दायरे में साइडवेज कारोबार कर सकती हैं।
आवक कम होने के कारण सोयाबीन की कीमतों में तेजी का रुझान है। किसान और स्टॉकिस्ट अपने स्टॉक को बेचने के लिए 4,000-4,200 रुपये का भाव चाह रहे हैं और तब तक आपूर्ति में बढ़ोतरी होने की संभावना नही है। रिफाइंड सोया तेल वायदा (अप्रैल) की कीमतें 778-790 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं, जबकि सीपीओ (मार्च) वायदा की कीमतें तेजी के रुझान के साथ 635-645 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं।
सीपीओ के दाम अब तक के उच्च स्तर 650-652 के स्तर पर पहुँच सकते हैं। सरकार द्वारा खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में बढ़ोतरी के कारण हाजिर बाजारों में कीमतों में तेजी का रुझान है। माँग में बढ़ोतरी के कारण कांडला बंदरगाह पर आरबीडी पॉमोलीन की कीमतों में बढ़ोतरी हुई हैं। सोया तेल की तुलना में आरबीडी पॉमोलीन की कीमतें 60 रुपये प्रति 10 किलो ग्राम कम होने के कारण उपभोक्ता आरबीडी पॉमोलीन ही पसंद कर रहे हैं। भारत को किये जाने वाले पॉम ऑयल के निर्यात को रद्द किये जाने की आशंका से मलेशियन पॉम ऑयल की कीमतों में गिरावट हुई है और बीएमडी में बेंचमार्क मई डिलीवरी की कीमतें कल 1.4% की गिरावट के साथ 2,443 रिंगिट पर बंद हुई है। कम उत्पादन अनुमान के कारण सरसों वायदा (अप्रैल) की कीमतों में तेजी का रुझान रह सकता है और कीमतों को 4,180 रुपये के स्तर पर सपोर्ट रह सकता है। साल्वेंट एक्सट्रैक्टर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अनुसार सरसों का उत्पादन 3.87% की कमी के साथ 6.33 मिलियन टन होने के अनुमान से कीमतों को मदद मिल सकती है। (शेयर मंथन, 08 मार्च 2018)
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