हल्दी वायदा (नवंबर) की कीमतों में तेजी बरकरार रहने की संभावना है।
हल्की की कीमतें 6,600 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ 6,750-6,800 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती हैं। केरल और कर्नाटक के उत्पादन क्षेत्रों में अधिक बारिश के बाद फसल नुकसान होने की खबरों से कीमतों को मदद मिल सकती है। पिछले कुछ दिनों से कीमतों में नरमी के बाद बड़े कारोबारियों ने हाजिर बाजारों में निचले स्तर पर हल्दी की खरीदारी करना शुरू कर दिया है।
जीरा वायदा (नवंबर) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ सीमित दायरे में रहने की संभावना है और कीमतें 19,350-19,700 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं। आगामी त्योहारी महीने में खपत में बढ़ोतरी की उम्मीद से कारोबारी अधिक कीमतों पर भी जीरे की खरीदारी कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त गुजरात और राजस्थान की प्रमुख मंडियों में आवक काफी कम हुई है, जिससे उपलब्ध आपूर्ति की माँग बढ़ गयी है। दूसरी ओर विश्व स्तर पर जीरे का उत्पादन कम होने का अनुमान है। इसलिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय जीरे की माँग लगातार बढ़ रही है।
धनिया वायदा (नवंबर) की कीमतें 6,000 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती हैं। प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में प्रतिकूल मौसम के कारण राजस्थान और गुजरात के प्रमुख बाजारों में हाजिर कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है। इन दो राज्यों में खराब मौसम के साथ ही बारिश कम होने के कारण धनिया की बुआई प्रभावित हुई है। सूत्रों के अनुसार राजस्थान और गुजरात में इस वर्ष बुआई में क्रमशः 30% और 40-50% तक कमी हो सकती है। विश्व स्तर पर यूक्रेन, बुल्गारिया और रूस में इस वर्ष धनिया का उत्पादन लगभग आधा होने का अनुमान है। दूसरी ओर आगामी दिवाली के त्योहार के कारण घरेलू बाजार में धनिया की माँग में लगातार बढ़ोतरी हुई है। (शेयर मंथन, 29 अक्टूबर 2018)
जीरा वायदा (नवंबर) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ सीमित दायरे में रहने की संभावना है और कीमतें 19,350-19,700 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं। आगामी त्योहारी महीने में खपत में बढ़ोतरी की उम्मीद से कारोबारी अधिक कीमतों पर भी जीरे की खरीदारी कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त गुजरात और राजस्थान की प्रमुख मंडियों में आवक काफी कम हुई है, जिससे उपलब्ध आपूर्ति की माँग बढ़ गयी है। दूसरी ओर विश्व स्तर पर जीरे का उत्पादन कम होने का अनुमान है। इसलिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय जीरे की माँग लगातार बढ़ रही है।
धनिया वायदा (नवंबर) की कीमतें 6,000 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती हैं। प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में प्रतिकूल मौसम के कारण राजस्थान और गुजरात के प्रमुख बाजारों में हाजिर कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है। इन दो राज्यों में खराब मौसम के साथ ही बारिश कम होने के कारण धनिया की बुआई प्रभावित हुई है। सूत्रों के अनुसार राजस्थान और गुजरात में इस वर्ष बुआई में क्रमशः 30% और 40-50% तक कमी हो सकती है। विश्व स्तर पर यूक्रेन, बुल्गारिया और रूस में इस वर्ष धनिया का उत्पादन लगभग आधा होने का अनुमान है। दूसरी ओर आगामी दिवाली के त्योहार के कारण घरेलू बाजार में धनिया की माँग में लगातार बढ़ोतरी हुई है। (शेयर मंथन, 29 अक्टूबर 2018)
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