सोयाबीन वायदा (फरवरी) की कीमतों के 3,775-3,785 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
पिछले कुछ दिनों से ईरान से भारतीय सोयामील की माँग बिल्कुल नहीं होने से मिलों की ओर से माँग कम हो रही है। अधिक कीमतों पर खरीदारों के दूर होने से प्रमुख बाजारो में सोयाबीन की कीमतों में मामूली गिरावट हुई है। इंदौर सोयाबीन की कीमत 3,855 रुपये, कोटा में 3,768 रुपये और नागपुर में 3,838 रुपये प्रति 100 किलो ग्राम दर्ज की गयी है, जो पिछले दिनों की तुलना में कम है।
सरसों वायदा (फरवरी) की कीमतों को 3,940 रुपये के करीब बाधा का सामना करना पड़ सकता है और कीमतों की बढ़त पर रोक लगी रह सकती है। नयी फसल की आवक से पहले नाफेड लगातार अपने सरसों स्टॉक को बाजार में बेच रहा है। 22 जनवरी तक नाफेड के पास पिछले वर्ष के 8.8 लाख टन में से अभी भी 2.49 लाख टन सरसों बचा हुआ है। इस वर्ष सरसों का अधिक उत्पादन होने के अनुमान से पुराने स्टॉक की तेजी से बिक्री की जा रही है।
सीपीओ वायदा (जनवरी) की कीमतों के 559-569 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। उत्पादन में कमी की आशंका के कारण कल मलेशियन पॉम ऑयल की कीमतों में लगभग पाँच महीने के उच्च स्तर पर बढ़ोतरी हुई है। रॉयटर सर्वे के अनुसार इंडोनेशिया और मलेशिया में उत्पादन में वृद्धि के सुस्त रहने की संभावना से इस वर्ष कीमतों में तेजी रह सकती है। भारत ने इस वर्ष के प्रारंभ में ही पॉम ऑयल पर आयात शुल्क में कमी कर दी थी। (शेयर मंथन, 25 जनवरी 2019)
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