कॉटन वायदा (नवम्बर) की कीमतों में 19,100 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है।
साफ आसमान और अनुकूल मौसम के कारण महाराष्ट्र की मंडियों में कपास की आवक बढ़ गयी है। इस प्रकार, राज्य की मंडियों में कपास की कीमतों में स्थिरता रही । निजी मिलों की ओर से कमजोर खरीदारी के कारण पिछले सप्ताह लगातार पाँच सत्रों में स्थिर रहने के बाद सोमवार को मध्य प्रदेश में कपास की कीमतों में 200 रुपये प्रति कैंडी की गिरावट हुई है। गुजरात में कपास की कीमतों में सोमवार को लगातार दूसरे दिन गिरावट हुई है आज कीमतों में 100 रुपये प्रति कैंडी गिरावट हुई है। इस बीच मिलों की ओर से कमजोर खरीदारी के कारण शनिवार को कपास की कीमतों में 200-250 रुपये प्रति कैंडी की गिरावट हुई है।
चना वायदा (नवम्बर) की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद बिकवाली हो सकती है और कीमतों को 5,270 रुपये के पास बाधा का सामना करना पड़ सकता है और कीमतों में 5,200-5,150 रुपये तक गिरावट हो सकती है। 26 अक्टूबर की अधिसूचना में, विदेश व्यापार महानिदेशालय ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 4 लाख मीटिंक टन तुअर के आयात के लिए आवंटित कोटा के आयात की समय सीमा को एक महीने बढ़ाकर 31 दिसंबर 2020 कर दिया है। तुअर के आयात के लिए जारी किये जाने वाले लाइसेंस की वैधता 31 दिसंबर 2020 तक होगी और आयातित तुअर 31-12-2020 तक भारतीय बंदरगाहों पर आनी प्रति उतरनी चाहिये।
ग्वारसीड वायदा (नवम्बर) की कीमतों के 4,230-4,320 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है और ग्वारगम वायदा (नवम्बर) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 6,600-6,750 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। राजस्थान, हरियाणा और गुजरात के हाजिर बाजारों में ग्वारगम कॉम्प्लेक्स में मिला-जुला रुझान रहा। ग्वारगम की कीमतों में तेजी का रुख रहा जबकि ग्वारसीड की की कीमतों में गिरावट हुई है। बाजार सूत्रों के अनुसार, ग्वारगम का मौजूदा स्तर ग्वारसीड की तुलना में बहुत आकर्षक है। (शेयर मंथन, 27 अक्टूबर 2020)
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