बेहतर आवक के कारण सोयाबीन वायदा (जनवरी) की कीमतें शुक्रवार को 1.5% की गिरावट के साथ बंद हुई।
अब कीमतों 6,200-6,440 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है। हाजिर बाजारों में आवक अनुमान के अनुरूप नहीं बढ़ी है। सोपा के अनुसार, अक्टूबर-नवंबर के दौरान सोयाबीन की आवक पिछले साल के 37 लाख टन की तुलना में 29 लाख टन रही है जबकि समान अवधि में सोयामील निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 38% घटकर 10.4 लाख टन रह गयी है। यूएसडीए की नवंबर की मासिक रिपोर्ट के अनुसार भारत में सोयाबीन का उत्पादन माह-दर-माह 8% बढ़कर 11.9 मिलियन टन हुआ है, जो दिसंबर में अपरिवर्तित है।
हाल ही में, सरकार ने देश में जीएम सोयमील के अतिरिक्त आयात को मंजूरी नहीं देने का फैसला किया है, क्योंकि यह घरेलू खपत के लिए पर्याप्त उत्पादन करेगा। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में नरमी के रुझानों कारण खाद्य तेल की कीमतें लगातार चौथे सप्ताह गिरावट के साथ बंद हुई। लेकिन मलेशिया में सीपीओ के कम उत्पादन और देश में अधिक शुल्क मूल्यों की खबरों के कारण निचले स्तर की कुछ खरीदारी देखी गयी। प्रतिद्वंद्वी सोया तेल की कीमतों में तेजी के कारण भी मलेशियाई पॉम तेल वायदा कीमतों में भी बढ़त दर्ज की गयी है। प्रारंभिक सर्वेक्षण के अनुसार 1-15 दिसंबर के दौरान मलेशिया में पॉम फलों की कटाई में 10% की भारी गिरावट का अनुमान हैं।
सोया तेल और सीपीओ का शुल्क मूल्य दिसंबर 2021 में 1% से अधिक बढ़कर क्रमशः 1,450 रुपये और 1,323 डॉलर प्रति टन हो गया। इस बीच, एसईए के आँकड़ों के अनुसार, भारत के वनस्पति तेल का आयात नवंबर में 11% बढ़कर 11.7 लाख टन हो गया है। सोया तेल का वर्ष-दर-वर्ष 4.77 लाख टन से अधिक आयात हुआ है। रिफाइंड सोया तेल वायदा (जनवरी) की कीमतें 1,152-1,175 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है जबकि सीपीओ वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 1,065-1,085 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार करने की संभावना है। (शेयर मंथन, 20 दिसंबर 2021)
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