कच्चे तेल की कीमतों में तेजी रहने की संभावना है।
ओपेक द्वारा तेल आपूर्ति में कटौती करने और अमेरिका द्वारा वेनेजुएला की सरकारी तेल कंपनी पर प्रतिबंध लगाये जाने के बाद आज तेल की कीमतों में तेजी का रुझान है। लेकिन वैश्विक आर्थिक वृद्धि को लेकर चिंता के कारण बढ़त सीमित है। बाजार में निराशाजनक माहौल के बाद आज कारोबारियों की नजर अमेरिकी राष्ट्रपति के भाषण पर रहेगी।
कच्चे तेल की कीमतें 3,800 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ 3,920 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है। जनवरी में ओपेक का तेल उत्पादन पिछले दो वर्षो में सबसे अधिक कम हुआ है। इस बीच जनवरी में रूस का तेल उत्पादन अक्टूबर की तुलना में लगभग 35,000 रुपये बैरल प्रति दिन कम होकर 1.138 करोड़ बैरल प्रति दिन हो गया है। रूस तेल उत्पादन में कटौती योजना का सबसे अधिक अनुपालन कर रहा है।
नेचुरल गैस की कीमतों के सीमित दायरे में रहने की संभावना है और कीमतें 188-195 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। (शेयर मंथन, 06 फरवरी 2019)
कच्चे तेल की कीमतें 3,800 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ 3,920 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है। जनवरी में ओपेक का तेल उत्पादन पिछले दो वर्षो में सबसे अधिक कम हुआ है। इस बीच जनवरी में रूस का तेल उत्पादन अक्टूबर की तुलना में लगभग 35,000 रुपये बैरल प्रति दिन कम होकर 1.138 करोड़ बैरल प्रति दिन हो गया है। रूस तेल उत्पादन में कटौती योजना का सबसे अधिक अनुपालन कर रहा है।
नेचुरल गैस की कीमतों के सीमित दायरे में रहने की संभावना है और कीमतें 188-195 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। (शेयर मंथन, 06 फरवरी 2019)