कच्चे तेल की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है।
चीन और अमेरिका के बीच व्यापार युद्ध के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था के धीमे होने के संकेत के बाद विश्व स्तर पर तेल की माँग कम होने के अनुमान के कारण आज तेल की कीमतों में नरमी दर्ज की गयी है। लेकिन मध्य-पूर्व में बढ़ते तनाव से कीमतों को मदद मिल रही है। रॉयटर्स पोल द्वारा 500 अर्थशास्त्रिायों की राय के अनुसार केन्द्रीय बैंकों द्वारा मौद्रिक नीति को आसान बनाने और दरों में कटौती करने के इरादे के बावजूद वैश्विक अर्थव्यवस्था के धीमेपन को लेकर जोखिम गहराता जा रहा है।
कच्चे तेल की कीमतों के 3,920 रुपये पर रुकावट के साथ 3,820 रुपये के स्तर पर पहुँच जाने की संभावना है। नेचुरल गैस वायदा की कीमतों में नरमी रह सकती है और कीमतें 157 रुपये के स्तर पर रुकावट के साथ 153 रुपये तक गिर सकती हैं। पिछले हफ्ते में अमेरिकी कच्चे तेल के भंडार में अनुमान से कम बढ़ोतरी और अगले दो हफ्ते में अनुमान से थोड़ी अधिक माँग की संभावना से कल अमेरिकी नेचुरल गैस वायदा की कीमतों में 1% से अधिक बढ़त दर्ज की गयी है। (शेयर मंथन, 26 जुलाई 2019)
कच्चे तेल की कीमतों के 3,920 रुपये पर रुकावट के साथ 3,820 रुपये के स्तर पर पहुँच जाने की संभावना है। नेचुरल गैस वायदा की कीमतों में नरमी रह सकती है और कीमतें 157 रुपये के स्तर पर रुकावट के साथ 153 रुपये तक गिर सकती हैं। पिछले हफ्ते में अमेरिकी कच्चे तेल के भंडार में अनुमान से कम बढ़ोतरी और अगले दो हफ्ते में अनुमान से थोड़ी अधिक माँग की संभावना से कल अमेरिकी नेचुरल गैस वायदा की कीमतों में 1% से अधिक बढ़त दर्ज की गयी है। (शेयर मंथन, 26 जुलाई 2019)