एसएमसी ने अपनी उल्लेख रिपोर्ट में जिक्र किया है कि चीन और अमेरिका के बीच व्यापार विवाद को लेकर अनिश्चितता के कारण बेस मेटल की कीमतों में मिला-जुला रूझान रहने की संभावना है।
तांबें की कीमतों को 435 के स्तर पर सहारे के साथ 455 रुपये के स्तर पर बाधा रह सकती है। एलएमई में तांबें का स्टॉक इस साल दोगुने से अधिक 2,77,975 टन हो गया हैं और एसएचएफफई के गोदामों में तांबे का भंडार 40% बढ़ कर 1,55,971 टन हो गया हैं। तांबे के अयस्कों का आयात और कंसेन्ट्रेट जुलाई में 41% बढ़ कर 20.74 लाख टन हो गया है, जो एक रिकॉर्ड है।
लेड की कीमतों में वापसी जारी रह सकती है और कीमतें 150 के स्तर पर सहारे के साथ 160 पर पहुँच सकती हैं। जिंक की कीमतों में नरमी रहने की संभावना है और कीमतों में 188 रुपये पर बाधा के साथ 180 रुपये तक गिरावट हो सकती है। इंटरनेशनल लेड एवं जिंक स्टडी ग्रुप के अनुसार इस वर्ष के पहले पाँच महीनों में जिंक बाजार में 1,23,000 टन की कमी थी। इस वर्ष जनवरी-मई में खदानों से जिंक का उत्पादन 52.7 लाख टन हुआ है, जो 2018 की समान समयावधि के दौरान उत्पादित 52 लाख टन से 1.4% अधिक है।
निकल की कीमतें तेजी के रुझान के साथ 1,080-1,180 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। इंडोनेशिया ने 2017 में लगे अयस्क के निर्यात पर प्रतिबंध में छूट दी है, लेकिन उस समय कहा गया था कि स्थगन पाँच साल तक चलेगा और 2022 में निर्यात पर फिर से प्रतिबंध लगा दिया जायेगा। इंडोनेशिया निकल खनन एसोसिएशन द्वारा 2022 से निकल अयस्क के निर्यात पर फिर से प्रतिबंध नहीं लगाये जाने का आग्रह किया है। एल्युमीनियम की कीमतों में नरमी बनी रह सकती है और कीमतों को
145 रुपये के नजदीक बाधा के साथ 138 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है। रूसी एल्युमीनियम दिग्गज रुसल ने कहा कि धातु के कमजोर बाजार के कारण आने वाले महीनों में इसकी बिक्री में उच्च मूल्यवर्धित उत्पादों की हिस्सेदारी बढ़ाना कठिन साबित हो सकता है। (शेयर मंथन, 10 अगस्त 2019)