कच्चे तेल में उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली होने की संभावना है।
विश्व स्तर पर बढ़ती आपूर्ति और भविष्य में माँग को लेकर अनिश्चितता के कारण तेल की कीमतों में लगभग 4% की गिरावट के बाद आज स्थिरता है। वैश्विक आर्थिक वृद्धि के कमजोर रहने के साथ ही चीन-अमेरिका के बीच व्यापार करार होने में अनिश्चितता के कारण तेल बाजार पर असर पड़ रहा है। ईआईए के अनुसार 25 अक्टूबर को समाप्त हफ्ते में अमेरिकी कच्चे तेल के भंडार में 57 लाख बैरल की बढ़ोतरी हुई है, जबकि डिलिवरी हब कुशिंग, ओक्लोहामा, में कच्चे तेल के भंडार में 16 लाख बैरल की बढ़ोतरी हुई है। इस बीच मेक्सिको की खाड़ी में तेल उत्पादन में 30% की बढ़ोतरी होने के कारण अमेरिकी कच्चे तेल का उत्पादन अगस्त महीने में लगभग 6,00,000 बैरल बढ़ कर रिकॉर्ड 1.24 करोड़ बैरल हो गया है। इसके साथ ही ओपेक के तेल उत्पादन में भी अक्टूबर महीने में आठ महीने के निचले स्तर से रिकवरी हुई है। कच्चे तेल की कीमतें 3,820 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 4,060 रुपये पर पहुँच सकती हैं।
नेचुरल गैस वायदा की कीमतों में गिरावट हो सकती है और कीमतों में 187 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ 195 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती हैं। (शेयर मंथन, 04 नवंबर 2019)