संयुक्त राज्य अमेरिका में कोरोना वायरस मामलों में फिर से उछाल और ओपेक प्लस रिकॉर्ड तेल कटौती में कुछ ढ़ील दिए जाने को लेकर सहमति के कारण तेल की कीमतों की तेजी थम गयी।
पिछले कई हफ्तों से अमेरिकी कच्चा तेल 40 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर बना हुआ है। ओपेक और उसके सहयोगियों, ने मई के प्रारंभ से दैनिक आपूर्ति में कटौती शुरु की और दुनिया भर में माँग में बढ़ोतरी हुई है, जिससे कीमतों को स्थिर करने में मदद मिली। संयुक्त राज्य अमेरिका सहित कई देशों में कोविड-19 के मामलों की दूसरी लहर की आशंका से कीमतों की बढ़त पर रोक लग गयी। दुनिया भर में लगभग 600,000 लोग कोरोना वायरस से मर चुके हैं। ओपेक प्लस ने अगस्त से तेल उत्पादन में कटौती में कमी करने पर सहमति व्यक्त की, जिसे दिसम्बर तक 2 मिलियन बैरल प्रति दिन की कटौती करके 7.7 मिलियन बैरल प्रति दिन करना है। ओपेक प्लस समझौते के बावजूद, सउदी अरब के ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुलअजीज बिन सलमान ने कहा कि अगस्त और सितंबर में उत्पादन कटौती लगभग 8.1 मिलियन-8.3 मिलियन बैरल प्रति दिन होगी, जो हेडलाइन संख्या से अधिक है।
रिकवरी के संकेत के रूप में, चीन की रिफाइनरी में दैनिक कच्चे तेल की माँग एक साल पहले की तुलना में जून में 9% बढ़ गयी, जो बढ़ती खपत के कारण रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पर पहुँच गयी। बाजार वैक्सीन की उम्मीदों पर काफी जोखिम के साथ कारोबार कर रहा है, जिससे हाल ही में कीमतों में बदलाव देखा गया है। इस सप्ताह के लिए हम कच्चे तेल की कीमतों में नरमी देख सकते हैं जहाँ कीमतों 2,720 रुपये पर सहारा और 3,200 रुपये के पास बाधा रह सकती है।
अमेरिका के कुछ हिस्सों में सामान्य से अधिक गर्म तापमान से पहले नेुचरल गैस की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है लेकिन इस क्षेत्रों में माँग सुस्त बनी हुई है। ज्यादातर एशियाई और यूरोपीय समुद्र में एलएनजी लदे लगभग 30 टैंकर खड़े हैं, क्योंकि कारोबारी सस्ते दामों और कम माल भाड़े की दरों का लाभ उठाते हैं, जिससे सर्दियों के दौरान अधिक माँग अंततः बाजार को बढ़ावा देगी। अगले इस सप्ताह नेचुरल गैस की कीमतें 122-148 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। (शेयर मंथन, 20 जुलाई 2020)