बेस मेटल की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ कारोबार करने की संभावना हैं। तांबे की कीमतें 688 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 696 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है।
राष्ट्रपति जो बाइडेन के 1.9 ट्रिलियन डॉलर के कोविड-19 राहत बिल के पोरित होने की संभावना के बीच अनुमान से बेहतर आर्थिक आँकड़ों के कारण आज शंघाई में बेस मेटल की कीमतों में तेजी दर्ज की गयी है जबकि एलएमई में भी कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। एलएमई के साथ पंजीकृत गोदामों में तांबे का भंडार 2005 के बाद सबसे निचले स्तर 75,700 टन पर पहुँच गया है। रद्द किये गये वारंट-डिलीवरी के लिए निर्धारित धातु-39% है और एलएमई बाजार में कम आपूर्ति की ओर संकेत करता है।
जिंक की कीमतें 232 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 236 रुपये, लेड की कीमतें 177 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 180 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती हैं। अंतरराष्ट्रीय जिंक एसोसिएशन के अनुसार, 2021 में भारत में जिंक की खपत 14-15% बढ़ सकती है। निकल की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ सीमित कारोबार करने की संभावना है और कीमतों को 1,408 रुपये के पास समर्थन के साथ 1,425 के स्तर पर अड़चन रह सकता है। वर्ल्ड ब्यूरो ऑफ मेटल स्टैटिस्टिक्स के आँकड़ों के अनुसार, जनवरी से दिसंबर के दौरान खदानों से उत्पादन 2019 कुल की तुलना में 321 हजार टन या लगभग 12% कम होकर 2273.5 हजार टन रह गया है।
एल्युमीनियम की कीमतों में 169 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 172 रुपये तक बढ़ोतरी हो सकती है। यह अनुमान है कि इलेक्ट्रिक वाहन में औसत एल्युमीनियम सामग्री की खपत लगभग 250 किलोग्राम होगी। इसलिए, इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण और बिक्री में वृद्धि के बाद एल्युमीनियम की माँग आसमान छू जायेगी। स्टील के बजाय एल्युमीनियम का उपयोग, प्रदर्शन, सुरक्षा, ईंधन दक्षता और ईवीएस के स्थायित्व को बढ़ाता है, और कई पर्यावरणीय लाभ भी होता है। (शेयर मंथन, 22 फरवरी 2021)