कच्चे तेल की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ सीमित कारोबार करने की संभावना हैं और कीमतों को 4,270 रुपये के स्तर पर रुकावट के साथ 4,180 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
तेल की कीमतों में कल तेज गिरावट के बाद आज रिकवरी देखी जा रही है क्योंकि स्वेज नहर में फंसे कंटेनर जहाज के कारण तेल का आवागमन हफ्तों तक रहने की आशंका है। फिर भी कीमतें लगातार तीसरे साप्ताहिक गिरावट की ओर बढ़ रही थी। पिछले सप्ताह 6 प्रतिशत से अधिक की गिरावट के बाद दोनों
बेंचमार्क की कीमतें इस हफ्ते लगभग 3 प्रतिशत से अधिक के साप्ताहिक गिरावट की ओर अग्रसर हैं। फंसा हुआ कंटेनर जहाज स्वेज नहर में यातायात अवरुद्ध कर रहा है, जो तेल और रिफाइंड ईंधन, अनाज और एशिया और यूरोप के बीच अन्य व्यापार के लिए दुनिया के सबसे व्यस्त समुद्री रास्तों में से एक है। लेकिन पूरे यूरोप में कोविड-19 संक्रमण की एक नयी लहर के बाद फिर से लॉकडाउन के कारण तेल की माँग को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है। यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जर्मनी में जनवरी के बाद से कोरोना वायरस मामलों में अपनी सबसे बड़ी वृद्धि हुई है। जर्मनी, यूरोप के सबसे बड़े तेल उपभोक्ता, ने 18 अप्रैल तक लॉकडाउन बढ़ा दिया है और चांसलर एंजेला मर्केल ने नागरिकों से ईस्टर की छुट्टी पर पाँच दिनों तक घर पर रहने का आग्रह किया। माँग को लेकर लगातार बढ़ती चिंता और गिरती कीमतों को देखते हुये, उम्मीदें बढ़ रही हैं कि पेट्रोलियम निर्यातक देशों और सहयोगियों के संगठन, जिन्हें ओपेक प्लस कहा जाता है, एक मई को होने वाली बैठक में अपने वर्तमान आपूर्ति प्रतिबंधें को समाप्त करेंगे।
नेचुरल गैस की कीमतों में 186 रुपये के स्तर से बढ़त दर्ज की जा रही है। गैस की कीमतों में यह तेजी 194 रुपये तक जारी रह सकती है। (शेयर मंथन, 26 मार्च 2021)