कच्चे तेल की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ सीमित कारोबार करने की संभावना हैं और कीमतों को 4,530 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 4,450 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
पिछले हफ्ते ओपेक प्लस द्वारा मई और जुलाई के बीच अपने उत्पादन में कुछ कटौती को कम करने की सहमति के बाद तेल की कीमतों में आज शुरुआती एशियाई व्यापार में गिरावट दर्ज की गयी है। ओपेक प्लस के निर्णय और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा 2 ट्रिलियन डॉलर के इंफ्रास्ट्रक्चर खर्च की योजना की रूपरेखा तैयार करने की उम्मीदों के बाद दोनों कॉन्टैंक्टों की कीमतों में लगभग 2 डॉलर प्रति बैरल से अधिक की बढ़ोतरी हुई थी। पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन, रूस और उनके सहयोगी, एक समूह, जिसे ओपेक प्लस कहा जाता है, उत्पादन में मई में 3,50,000 बैरल प्रति दिन की बढ़ोतरी करने, जून में 3,50,000 बैरल प्रति दिन और आगे जुलाई में 4,00,000 बैरल प्रति दिन या इससे भी अधिक बढ़ोतरी करने पर सहमत हुये है। नये अमेरिकी प्रशासन द्वारा सऊदी अरब से माँग की जाने के बाद भी उपभोक्ताओं के लिए ऊर्जा सस्ती रखने के लिए निर्णय लिया गया जबकि यूरोप के कुछ हिस्सों में लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई है, जबकि जापान आपातकालीन उपायों का विस्तार कर सकता है, ताकि कोरोना वायरस संक्रमण की एक नयी लहर से बचाव कर सके। इस हफ्तें, ईरान और अमेरिका के बीच वियना में होने वाली अप्रत्यक्ष वार्ता पर बाजार का ध्यान केंद्रित है ताकि तेहरान और वैश्विक शक्तियों के बीच 2015 के परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के लिए व्यापक वार्ता हो।
नेचुरल गैस पर बिकवाली का दबाव बरकरार रह सकता है। कीमतों को 189 रुपये के स्तर पर सहारा और 196 रुपये के स्तर पर रुकावट रह सकता है। (शेयर मंथन, 05 अप्रैल 2021)