कल बाजार में जो उठापटक हुई, वह एक क्षणिक प्रतिक्रिया थी। लोग ज्यादा सावधान हो जाते हैं, इसी वजह से ऐसा हुआ।
लेकिन भारी गिरावट में भी अगर कारोबार की मात्रा देखें, तो उससे उत्साहजनक तस्वीर बनती है। कारोबार की मात्रा से दिखता है कि बाजार में मजबूती है और लोग सकारात्मक हो रहे हैं। किसी समाचार या घटना पर आधारित जोखिम तो बाजार में हमेशा ही रहता है। कोई नकारात्मक भावना हो या सकारात्मक भावना, उन पर बाजार काफी तीखी प्रतिक्रियाएँ करता है। लेकिन कुल मिला कर ऐसा लगता है कि इन स्तरों पर स्थिरता आनी चाहिए और उसके बाद इसे सँभलना चाहिए।
आने वाले दिनों में बाजार निश्चित रूप से कुछ सावधान रहेगा, क्योंकि लोग यह देखने का इंतजार करेंगे कि आगे क्या होता है। स्पष्टता के साथ कोई नहीं कह सकता, लेकिन संभावना यह लग रही है कि स्थिति शांत हो जायेगी। भारत ने पाकिस्तान पर या उसकी सेना पर कोई हमला नहीं किया है। राजनीतिक रूप से बहुत स्पष्ट संदेश दिया गया कि यह आतंकवाद के विरुद्ध था और अब हम इसे सहन नहीं करेंगे। सारी दुनिया में भी इसकी प्रतिक्रिया बहुत स्पष्ट है।
लिहाजा पाकिस्तान के लिए इसकी जवाबी कार्रवाई करना मुश्किल होगा। लेकिन कुछ पता नहीं होता। पाकिस्तान के साथ हमारे संबंध तनावपूर्ण ही रहे हैं, इसलिए उनकी प्रतिक्रिया के बारे में कहना मुश्किल है। वहाँ हर तरह के आदमी हैं। इसलिए बाजार अभी सावधान ही रहेगा। पर मेरा मानना है कि लंबी अवधि के निवेशकों के लिए ऐसे मौके निवेश का अवसर होते हैं। कुल मिला कर यह बाजार अच्छा ही है और अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन अच्छा है।
इस तरह की स्थितियों में बाजार के स्तरों की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती। अगर कल को स्थितियाँ विपरीत हो जायें, युद्ध छिड़ ही जाये, उन स्थितियों में यह नहीं कहा जा सकता कि बाजार किन स्तरों पर जा सकता है। लेकिन मेरे विचार से निफ्टी 8,600 और सेंसेक्स 27,800 के आसपास के जिन स्तरों पर है, वहाँ से बहुत ज्यादा गिरावट की संभावना नहीं लगती है। प्रदीप गुप्ता, वाइस चेयरमैन, आनंद राठी फाइनेंशियल सर्विसेज (Pradeep Gupta, Vice Chairman, Anand Rathi Financial Services)
(शेयर मंथन, 22 अगस्त 2016)