हाल के चुनावी नतीजों के चलते आज सुबह बाजार खुलते ही एक बड़ी उछाल आने की उम्मीद पहले से ही थी। कल सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज में एसजीएक्स निफ्टी में भी चाल बनी थी।
बाजार भाजपा के जीतने की संभावना लेकर पहले से चल रहा था, पर इतनी भारी जीत के चलते उत्साह और बढ़ा जिससे कुछ और ऊपर चढ़ने की गुंजाइश बनी।
बाजार अभी जितना भी चल रहा है और सकारात्मक रुझान बन रहा है, वह नकदी और उत्साह के दम पर चल रहा है। आगे जब नीतियाँ घोषित होनी शुरू होंगी तो उससे भी सकारात्मकता बनेगी। लेकिन उन नीतियों का जमीनी स्तर पर सकारात्मक असर आने में थोड़ा समय लगेगा। वहीं इस समय मूल्यांकन थोड़ा खिंचने लगा है। इसकी चिंता बाजार को हमेशा नियंत्रण में रखने की कोशिश करती रहेगी। बाजार अभी तो एक हफ्ते भावनाओं पर चलेगा, पर मध्य मार्च के बाद इसमें कुछ ठहराव (कंसोलिडेशन) आना शुरू होगा।
बहुत ज्यादा मंदी की संभावना तो नहीं दिखती है मुझे, पर 2-5% ऊपर नीचे होना कोई बड़ी बात नहीं होगी। छोटी अवधि में कोई खराब खबर आयी तो उसका असर देखने को मिल सकता है। पर अभी सारी सकारात्मक बातें हैं। इस जिस तरह के चुनावी नतीजे आये हैं, उसके बाद सुधारों को लेकर जो बाधाएँ थीं वे हटेंगी और अब चीजें सही दिशा में आगे बढ़ने लगेंगी। आगे अगर भाजपा को राज्य सभा में भी स्पष्ट बहुमत मिल जाता है तो उसके लिए काम करना आसान हो जायेगा। सुधारों के अलावा बुनियादी ढाँचे को काफी प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।
यह बात सही है कि राज्य सभा में भाजपा को अभी तुरंत बहुमत नहीं मिलेगा। लेकिन यह सब मनोधारणा पर टिका है। लोग यह सोचेंगे कि भाजपा को देश के अधिकांश राज्यों में सफलता मिल रही है, तो देर-सबेर चीजें दुरुस्त होने लगेंगी। फिर भाजपा ने कई सुधारों को राज्य सभा में बहुमत के बिना भी आगे बढ़ाया ही है। जैसे जीएसटी की समय-सीमा अब तय हो गयी है। सहमति बना कर, लोगों को समझा कर उन्होंने करना शुरू किया। अब वे इन चीजों के अमल पर ज्यादा आक्रामक हो सकते हैं। अभी तक उनके मन रहता था कि लोक सभा में निकाल लेंगे, पर राज्य सभा में कैसे निकलेगा। यह बात सही है कि राज्य सभा में उनकी सीटें बढ़ने में अभी साल भर लगेगा। लेकिन किसी सुधार पर बातचीत शुरू करके नतीजे लाने में भी लगभग उतना ही समय लगेगा।
अब इस सरकार के सामने यह बात तो स्पष्ट हो गयी है कि वह जो कुछ करना चाह रही है, उस पर लोग उसके साथ हैं। इसलिए मैं यही कहूँगा कि अभी एक सकारात्मक धारणा है। शीर्ष स्तर पर अब ज्यादा आत्मविश्वास बन गया है कि लोग उनके काम को सराह रहे हैं। इसलिए अब उस दिशा में ज्यादा काम होगा।
मूल्यांकन ज्यादा होने की वजह से बाजार की चाल ऊपर की ओर सीमित रहेगी। अभी 2-3 महीनों में निफ्टी का 9,100-9,200 के ज्यादा ऊपर जाना मुश्किल लगता है। बाजार एक दायरे में रहेगा। हालाँकि नकदी की तरलता है, धारणा सकारात्मक है, पर बाजार में लोग मूल्यांकन को भी देखेंगे। इसलिए अभी कुछ समय तक निफ्टी 8,800 से 9,200 के दायरे में रह सकता है। यह छोटी अवधि का नजरिया है।
लेकिन लंबी अवधि में सकारात्मक रुख बना रहेगा। जितना बड़ा जनादेश इस सरकार को मिला है, उससे यह उम्मीद बनती है कि सही फैसले होते रहें तो काफी काम होगा। इसलिए खपत (कंजंप्शन) आधारित वृद्धि आनी शुरू होगी।
बाजार में एक ठहराव के बाद फिर नये ऊपरी स्तर बनेंगे। हम मान कर चल रहे हैं कि अगले तीन से पाँच सालों में अर्थव्यवस्था में अच्छी वृद्धि होगी, जबकि पिछले चार-पाँच साल से वृद्धि पर एक अंकुश सा लगा हुआ है। इस साल और अगले साल कर संग्रह अच्छा रहने वाला है और आर्थिक वृद्धि होने वाली है। ऐसे में निफ्टी इस साल दिसंबर या अगले साल मार्च तक 10,000 के स्तर पर पहुँच सकता है। प्रदीप गुप्ता, वाइस चेयरमैन, आनंद राठी फाइनेंशियल सर्विसेज (Pradeep Gupta, Vice Chairman, Anand Rathi Financial Services)
(शेयर मंथन, 14 मार्च 2017)
हाल के चुनावी नतीजों के चलते आज सुबह बाजार खुलते ही एक बड़ी उछाल आने की उम्मीद पहले से ही थी।