अरुण केजरीवाल, निदेशक, क्रिस : भारतीय बाजार में कल उछाल रही, लेकिन यह तेजी कम कारोबार पर थी।
दूसरी बात यह है कि कल विदेशी संस्थागत निवेशकों की खरीदारी जरूर दिखी है, लेकिन केवल एक दिन की खरीदारी से यह नतीजा नहीं निकाला जा सकता है कि भारतीय शेयर बाजार को लेकर उनका नजरिया बदल गया है। अगर 3-4 दिन खरीदारी दिखे, तभी यह कह सकते हैं कि उनकी बिकवाली रुक गयी है या अब वे खरीदारी की ओर लौट रहे हैं। लेकिन बाजार के लिए सकारात्मक पहलू यह है कि राजनीतिक मोर्चे पर ऐसी तैयारियाँ होती दिख रही हैं जिससे संसद सामान्य तरीके से चल सके। राजा की गिरफ्तारी उसी कड़ी का हिस्सा लग रही है। अब हो सकता है कि सरकार संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की विपक्ष की मांग को भी मान ले।
बाजार में आज का रुझान हल्का नकारात्मक ही लग रहा है। लेकिन अगर कुछ और गिरफ्तारियाँ होती हैं तो बाजार में गिरावट बढ़ सकती है। शायद वैसी हालत में गुरुवार की सारी बढ़त पलट जाये। छोटी अवधि में बाजार काफी उतार-चढ़ाव भरा रहेगा। अभी कोई अनुमान लगाना मुश्किल ही रहेगा। जिस तरह से घटनाएँ सामने आती रहेंगी, बाजार की प्रतिक्रिया उनके हिसाब से ही होगी। इस समय बाजार ने बुनियादी बातों को एक किनारे रख दिया है। (Arun Kejriwal, Director, KRIS)
(शेयर मंथन, 04 फरवरी 2011)
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