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भारत 22 ईटीएफ (Bharat 22 ETF) यानी पोर्टफोलिओ में 22 का दम!

केंद्र सरकार के दूसरे एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) भारत 22 का न्यू फंड ऑफर (NFO) आम लोगों के आवेदन के लिए 15 से 17 नवंबर के बीच खुला रहेगा, जबकि ऐंकर निवेशक इसमें कल 14 नवंबर को आवेदन कर सकेंगे।

इस एनएफओ में सभी श्रेणी के निवेशकों को 3% की छूट दी जायेगी। इसके जरिये केंद्र सरकार 8,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटायेगी। इस ईटीएफ की शुरुआती घोषणा वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अगस्त में की थी। भारत 22 के नाम से जाहिर है कि इस ईटीएफ के पोर्टफोलिओ में 22 कंपनियों के शेयर होंगे। केंद्र सरकार के पहले एक्सचेंज ट्रेडेड फंड सीपीएसई ईटीएफ में 10 सरकारी कंपनियों के शेयर शामिल किये गये थे। सरकार के लिए यह ईटीएफ उसकी विनिवेश प्रक्रिया का हिस्सा हैं, जबकि निवेशकों के लिए अपने पोर्टफोलिओ में बेहतर गुणवत्ता वाले शेयरों को जोड़ने का मौका।
सीपीएसई ईटीएफ (CPSE ETF) के जरिये सरकार ने तीन चरणों में कुल 11,500 करोड़ रुपए जुटाये थे। सीपीएसई ईटीएफ और भारत 22 ईटीएफ में सबसे बड़ा अंतर है शेयरों की संख्या का। सीपीएसई ईटीएफ में सरकार ने जिन 10 कंपनियों को शामिल किया था, उनमें ज्यादातर ऊर्जा (एनर्जी) क्षेत्र की हैं। ये कंपनियाँ हैं ओएनजीसी, आरईसी, कोल इंडिया, कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, ऑयल इंडिया, पीएफसी, गेल, बीईएल, ईआईएल और इंडियन ऑयल।
वहीं, भारत 22 ईटीएफ (Bharat 22 ETF) में जो 22 कंपनियाँ होंगी, वे इंडस्ट्रियल, ऊर्जा, यूटिलिटी, बैंकिंग एवं वित्त, एफएमसीजी और बेसिक मैटेरियल के छह क्षेत्रों से हैं। वैसे इस सूची में सीपीएसई ईटीएफ की सात कंपनियाँ भी शामिल हैं, लेकिन पोर्टफोलिओ में निवेश के लिहाज से शीर्ष 10 कंपनियाँ इस प्रकार हैं - एलऐंडटी (17.1%), आईटीसी (15.2%), एसबीआई (8.6%), पावर ग्रिड 7.9%), ऐक्सिस बैंक (7.7%), एनटीपीसी (6.7%), ओएनजीसी (5.3%), इंडियन ऑयल (4.4%), नेशनल एल्युमीनियम (4.4%) और बीपीसीएल (4.4%)।
भारत 22 ईटीएफ का मानक (बेंचमार्क) होगा एसऐंडपी बीएसई भारत 22 सूचकांक। इस सूचकांक में 16 केंद्र सरकार की कंपनियाँ यानी सीपीएसई हैं, 3 स्पेसिफाइड अंडरटेकिंग ऑफ यूटीआई से हैं और 3 सरकारी बैंक हैं। ये सभी बीएसई पर सूचीबद्ध हैं। इस एनएफओ को अगर निवेशकों की अच्छी प्रतिक्रिया मिलती है तो सरकार इस कारोबारी साल की अंतिम तिमाही में इसका दूसरा चरण भी ला सकती है। भारत 22 ईटीएफ का प्रबंधन आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड के हाथों में होगा।

भारत के विकास की कहानी
भारत 22 ईटीएफमें जो 22 शेयर हैं, वे या तो सरकारी कंपनियों के हैं या फिर उन कंपनियों के, जिनमें स्पेसिफाइड अंडरटेकिंग ऑफ यूटीआई (एसयूयूटीआई) का निवेश है। इनमें जो कंपनियाँ शामिल हैं, वे भारत के विकास की कहानी में अहम भूमिका निभाती हैं। सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं, मसलन मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया और भारतमाला परियोजना समेत वित्तीय समावेश (फाइनेंशियल इनक्लूजन), जीएसटी और इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधार जैसे कदमों का फायदा इन कंपनियों को मिलेगा।

निवेश में विविधता
भारत ईटीएफ में शामिल 22 कंपनियाँ लंबी अवधि में निवेशकों को अच्छे प्रतिफल (रिटर्न) दे सकती हैं। इस ईटीएफ में एक शेयर में अधिकतम निवेश 15% और एक क्षेत्र में अधिकतम निवेश 20% हो सकता है। भारत 22 ईटीएफ के पोर्टफोलिओ का करीब 90% लार्जकैप शेयरों का है और केवल 10% में मिडकैप और स्मॉलकैप कंपनियाँ हैं। इससे निवेशकों के पोर्टफोलिओ को विविधीकरण (डाइवर्सिफिकेशन) मिलता है, जिससे जोखिम कम हो जाता है।

बेहतर रिटर्न की उम्मीद
सरकार ने इसके पहले जिस सीपीएसई ईटीएफ को पेश किया था, उसने निवेशकों को अब तक करीब 50% का प्रतिफल तीन साल में दिया है। यानी मार्च 2014 में पेश हुए ईटीएफ में निवेशकों के पैसे अब तक करीब डेढ़ गुना हो गये हैं। करीब 19 रुपये प्रति यूनिट के भाव पर पेश हुआ यह ईटीएफ आज 30 रुपये के आसपास चल रहा है। माना जा रहा है कि सीपीएसई ईटीएफ की ही तरह भारत 22 ईटीएफ भी निवेशकों के लिए लंबी अवधि में बेहतर प्रतिफल का जरिया बन सकेगा। मार्च 2006 के बाद से भारत 22 ईटीएफ के शेयरों ने सालाना 13% का प्रतिफल दिया है, जबकि सेंसेक्स का प्रतिफल 9.2% है।

शेयरों में निवेश का सबसे सस्ता जरिया
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड वैसे तो एक तरह की म्यूचुअल फंड योजना ही होते हैं, लेकिन इनके प्रबंधन (मैनेजमेंट) पर होने वाला खर्च बाकी म्यूचुअल फंड योजनाओं की तुलना में काफी कम होता है। निवेशकों को इसका फायदा मिलता है बेहतर प्रतिफल के रूप में। साथ ही बाकी म्यूचुअल फंड के मुकाबले इनकी तरलता (लिक्विडिटी) भी बेहतर होती है। आप जब चाहें इनकी खरीद-बिक्री एक्सचेंज पर कर सकते हैं, क्योंकि इन्हें एक्सचेंज पर सूचीबद्ध (लिस्ट) कराया जाता है।
वैसे तो शेयर बाजार से जुड़े किसी भी निवेश में जोखिम होता है, लेकिन भारत 22 शेयर बाजारों में सुरक्षित निवेश चाहने वालों के लिए अच्छा विकल्प हो सकता है। साथ ही, यह उन्हें भी आकर्षित कर सकता है जो पहली बार इक्विटी निवेश करने जा रहे हैं। बैंकों के मियादी जमा (फिक्स्ड डिपॉजिट) या दूसरी छोटी बचत योजनाओं में अब निवेश उतना आकर्षक नहीं रहा। इसलिए छोटी रकम का निवेश करने वाले भी इस पर विचार कर सकते हैं। म्यूचुअल फंडों की सुनियोजित निवेश योजना या सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) की तरह आप भारत 22 के ईटीएफ में भी एसआईपी के जरिये अपने छोटे निवेश को बढ़ता हुआ देख सकते हैं। (शेयर मंथन, 13 नवंबर 2017)

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